Smartphone proving to be sweet poison for children back pain and many more serious health issues increases | बच्चों के लिए मीठा जहर साबित हो रहा स्मार्टफोन, कमर दर्द समेत हो रही कई समस्याएं

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स्मार्टफोन आज इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है. इसके बिना सभी काम अधूरे हैं, लेकिन अब यही स्मार्टफोन बच्चों के लिए मीठा जहर साबित होने लगा है. एक नए शोध में दावा किया गया कि रोजाना तीन घंटे से अधिक स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बच्चों में कमर दर्द की समस्याएं बढ़ गई हैं. कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई होने से स्मार्टफोन और टैबलेट इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है. ऐसे में कमर दर्द के अलावा आंखों की रोशनी कम होने और रीढ़ की हड्डी में दर्द जैसी दिक्कतें भी बढ़ गई हैं.
अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका हेल्थकेयर में प्रकाशित है. एफएपीईएसपी द्वारा वित्तपोषित ब्राजील की संस्था ने इस अध्ययन को किया है. उन्होंने रीढ़ की हड्डी की दिक्कतों के कारण को लेकर एक शोध किया है. इसमें पता चला कि कमर दर्द और रीढ़ की हड्डियों में परेशानी की वजह दिन में तीन घंटे से अधिक समय किसी भी तरह की स्क्रीन को देखने से हो रही है.एक साल तक किया गया परीक्षणअध्ययन में हाईस्कूल में पढ़ने वाले 14 से 18 वर्ष के लड़के- लड़कियों को शामिल किया गया. इसमें करीब 2628 छात्रों ने हिस्सा लिया. सभी प्रतिभागियों को प्रश्नावली देकर मोबाइल इस्तेमाल करने दिया गया. एक साल तक किए गए परीक्षण में पता चला कि थोरैसिक स्पाइन पेन से लड़कों (39 फीसदी) के मुकाबले लड़कियां (55 फीसदी) अधिक प्रभावित हैं.
टीएसपी पर केंद्रित था अध्ययनयह अध्ययन थोरैसिक स्पाइन पेन (टीएसपी) पर केंद्रित था. थोरैसिक रीढ छाती के पीछे स्थित होती है, जो कंधे की हड्डियों के बीच और गर्दन के नीचे से कमर तक फैली हुई है. मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों की सेहत पर व्यापक असर पड़ा. रीढ़ की हड्डी में दिक्कतों के लिए स्मार्टफोन जिम्मेदार रहा.
किशोर ज्यादा पीड़ितटीएसपी दुनियाभर में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में आम हो गया है. पीड़ितों में 15-35 फीसदी वयस्क और 13-35 फीसदी बच्चे शामिल हैं. शोध से पुष्टि हुई है कि किशोरों में समस्या सबसे अधिक है.



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