Sleepless challenge become a game of death for youth know how much danger of not sleeping | बिना सोए रहने का चैलेंज बन गया मौत का खेल, युवक की हालत देख डरे लोग! जानें नींद न लेने के खतरे

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Sleepless challenge become a game of death for youth know how much danger of not sleeping | बिना सोए रहने का चैलेंज बन गया मौत का खेल, युवक की हालत देख डरे लोग! जानें नींद न लेने के खतरे



रात में नींद पूरी न होने के बाद की थकान और बेचैनी से तो हम सभी वाकिफ होंगे. सोशल मीडिया पर कुछ लोग ‘नो-स्लीप चैलेंज’ में हिस्सा लेकर कई दिन-रात जगकर गुजारने का रिकॉर्ड बनाने की होड़ में जुटे हैं. नॉर्म (19) नाम के एक यू-ट्यूबर ने बिना सोए सबसे ज्यादा समय बिताने का विश्व रिकॉर्ड कायम करने की अपनी कोशिश साइट पर लाइव प्रसारित की थी. 250 घंटे का समय बीतने के बाद दर्शक नॉर्म की सेहत को लेकर चिंता जताने लगे, लेकिन वह नहीं रुका और 264 घंटे और 24 मिनट की अवधि ‘बिना सोए’ गुजार दी. इसके बाद यू-ट्यूब और किक जैसी सोशल मीडिया साइट ने उसे प्रतिबंधित कर दिया.
नॉर्म ने सबसे ज्यादा समय तक जगे रहने का गिनीज विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का दावा किया, जो सही नहीं था. गिनीज बुक में यह विश्व रिकॉर्ड रॉबर्ट मैकडोनाल्ड के नाम दर्ज है, जिसने 1986 में 453 घंटे यानी लगभग 19 दिन बिना सोए बिताए थे. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 1997 में सुरक्षा कारणों से सबसे लंबा समय बिना सोए गुजारने के रिकॉर्ड की निगरानी करना बंद दिया.
यह एक सही कदम थालंबे समय तक बिना नींद लिए रहना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. वयस्कों को रोज रात को सात घंटे से अधिक समय की नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए. पर्याप्त नींद लेने में लगातार असमर्थ रहने पर डिप्रेशन, डायबिटीज, मोटापा, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है. 
नींद हमारी दिनचर्या का अहमनींद यह हमारी शरीर की कई प्रणालियों को आराम करने और मरम्मत करने एवं नुकसान से उबरने में सक्षम बनाती है. नींद के पहले तीन चरणों के दौरान पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है, जो पाचन क्रिया और आराम की अवस्था में जाने की प्रक्रिया को कंट्रोल करता है. इससे दिल की धड़कन तेज और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. अंतिम चरण यानी रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) चरण में दिल की एक्टिविटी बढ़ जाती हैं और आंखें हरकत करती हैं. यह चरण रचनात्मकता, सीखने की क्षमता और यादें संजोने जैसे संज्ञानात्मक कामों के लिए महत्वपूर्ण है.
सोने से पहले न ले ये चीजेंसोने से पहले शराब या कैफीन से भरपूर चीजों का सेवन नींद की साइकिल को बाधित कर सकता है. नींद की कमी की समस्या तीव्र या लॉन्ग टर्म हो सकती है. तीव्र समस्या का मतलब एक या दो दिन नींद न आने से हो सकता है. यह भले ही एक छोटी अवधि लगता हो, लेकिन 24 घंटे बिना सोए गुजार देने के एकाग्रता में कमी के अलावा कई और खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. इससे आंखें सूजने, डार्क सर्कल (आंखों के किनारे काले धब्बे) पड़ने, चिड़चिड़ापन, याददाश्त में कमी, भ्रम की स्थिति, त्वरित फैसले लेने एवं सूचनाओं का विश्लेषण करने में असमर्थता और खाने की तलब बढ़ने जैसे लक्षण उभर सकते हैं.
लगातार दो दिन जगने से क्या होगा?दूसरा दिन भी बिना सोए गुजार देने पर लक्षण और तीव्र हो सकते हैं तथा व्यक्ति के व्यवहार में भी बदलाव दिखाई देने लगता है. शरीर को नींद की तलब और प्रबल होने लगती है, जिसके चलते व्यक्ति ‘माइक्रोस्लीप’ लेने लगता है यानी उसे अनचाही झपकी लगने लगती है, जो लगभग 30 सेकंड की हो सकती है. नींद की कमी से खाने की चाह भी बढ़ जाती है और विभिन्न प्रणालियों के ज्यादा एक्टिव होने तथा इम्यून सिस्टम के कमजोर पड़ने की शिकायत सामने आती है, जिससे हम बीमारियों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव बन जाते हैं.
तीसरे और चौथे दिन कैसा अहसास होता है?तीसरा दिन जगकर गुजराने पर नींद की तलब और तीव्र हो जाती है, जिससे व्यक्ति के और लंबी अवधि की ‘माइक्रोस्लीप’ लेने, वास्तविक दुनिया से कटा हुआ महसूस करने और भ्रम की स्थिति में रहने की आशंका बढ़ जाती है. वहीं, चौथा दिन बिना सोए बिताने पर लक्षण चरम पर पहुंच जाते हैं और ‘स्लीप डेप्रिवेशन साइकोसिस’ का रूप अख्तियार कर लेते हैं, जहां व्यक्ति वास्तविकता को बताने में असमर्थ हो जाता है और हर हाल में सिर्फ सोने की चाह रखने लगता है.



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