स्कैल्प पर जमने लगी है पपड़ी तो छालरोग के हो सकते हैं लक्षण, जानें इससे निपटने के तरीके

admin

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Psoriasis Symptoms: त्वचा बहुत ही नाजुक होती है. इसका हमें खास ख्याल रखना पड़ता है. त्वचा से जुड़ी कोई भी समस्याएं इलाज में भी लंबा समय लेती हैं. आज हम बात करेंगे स्कैल्प पर होने वाली बीमारी सोरायसिस के बार में. सोरायसिस एक वंशानुगत बीमारी है, लेकिन यह कई अन्य कारणों से भी हो सकती है. स्किन से जुड़ी कोई भी बीमारी दुखदाई होती है. वहीं सोरायसिस या छालरोग की अगर बात करें तो यह सबसे अधिक पीड़ा पहुंचाने वाले त्वचा विकारों में से एक है. आसान शब्दों में कहें तो त्वचा पर मोटी परत का जमना ही सोरायसिस (What is Psoriasis) कहलाता है. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. आइये जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और उपचार के बारे में. 
सामान्य रूप से सोरायसिस की बीमारी होने पर हमारी त्वचा पर लाल रंग की सतह उभर आती है. इसके साथ ही सोरायसिस की बीमारी स्कैल्प, हथेलियों, पैर के तलवों, कोहनी, घुटनों और पीठ पर अधिक होती है. सोरायसिस को छालरोग भी कहते हैं. इसमें त्वचा पर लाल दाग पड़ने के साथ ही अधिक खुजली भी होती है. ये आपके बालों में डैंड्रफ जैसा भी दिख सकता है. 
सोरायसिस या छालरोग के लक्षण
इस रोग से ग्रसित होने पर त्वचा में रूखापन आ जाता है. साथ ही प्रभावित स्किन फटी हुई और मोटी दिखने लगती है. ऐसी त्वचा पर तेज खुजली भी होती है. छालरोग की गंभीर स्थिति होने पर करीब 40 % रोगियों को जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्या होती है. वहीं कुछ रोगियों के नाखून भी प्रभावित होते हैं जो छालरोग (Symptoms of Psoriasis) के प्रमुख लक्षणों में से एक है. यह रोग तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देती हैं. 
उपचार के तरीके 
-क्या खाएं- ये बीमारी होने पर मरीज को हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, फल, फलियां आदि आहार में खाना चाहिए. इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory foods) गुण होते हैं. इसके साथ ही अधिक नमकीन भोजन करने से बचें. इस बीमारी में जंक फूड के सेवन की मनाही होती है. आप ऐसा भोजन करें जो आसानी से पच सके. अधिक खट्टा न खाएं. अत्यधिक दही और उड़द की दाल खाना सही नहीं होगा. स्वस्थ लाइफस्टाइल का पालन करें. धीरे-धीरे इस रोग से छुटकारा मिल जाएगा.   
-इसके अलावा सोरायसिस के रोग में अपनी त्वचा (Skin Care) का विशेष ख्याल रखें. मॉइस्चराइजर का जरूर इस्तेमाल करें और त्वचा को सूखने न दें. इससे स्किन में नमी बानी रहेगी. कुछ समय के लिए धूप में बैठना फायदेमंद हो सकता है. 
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