सजा या मजा, नाबालिग अपराधियों का इंस्टाग्राम पर जलवा, रील से खुली सारी पोल

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सजा या मजा, नाबालिग अपराधियों का इंस्टाग्राम पर जलवा, रील से खुली सारी पोल

आगरा: जाने-अनजाने में जो नाबालिक युवक अपराध की दुनिया में कदम रख देते है ऐसे किशोरों को सुधारने के लिये राजकीय संप्रेक्षण गृह  (Government Observatory) में रखा जाता है. उन्हें जहां रखा जाता है तो उसके पीछे ये प्रयास होता है कि वे अपनी गलतियों से सबक ले सकें और भविष्य में दूसरे अपराधों की तरफ ना बढ़ें. इधर तो मामला इसका उल्टा है. आगरा के राजकीय संप्रेषण गृह में रहते हुए भी किशोर वही हरकतें कर रहे हैं जो वो शायद बाहर रहते हुए भी करते. सजा काट रहे किशोरों की रील्स वायरल हो रही हैं. इतना ही नहीं बल्कि वो बिंदास एनर्जी ड्रिंग और सिगरेट पीते हुए दिख रहे हैं. इस वायरल वीडियो ने व्यवस्था की भी पोल खोल दी है.

रविवार को राजकीय संप्रेक्षण गृह में सजा काट रहे चार आरोपियों की रील सोशल मीडिया पर वायरल हुई. इसमें एक वीडियो में वो एनर्जी ड्रिंक पीते दिख रहे हैं और बैकग्राउंड में बदमाशी वाले गाने बज रहे हैं. किशोर सिगरेट पी रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद राजकीय संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है.

गवर्नमेंट ऑब्जर्वेटरी में आरोपियों की मौजआगरा के मलपुरा के सिरौली गृह के आरोपियों के चार वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए हैं. वीडियो में चारों आरोपी फुल मौज मस्ती करते हुए नजर आ रहे हैं. हाथ में कोल्ड ड्रिंक है और बिस्तर पर मौज से पड़े हैं. दूसरे वीडियो में एक युवक सिगरेट पी रहा है और दो से तीन आरोपी अगल-बगल मे हैं. यह वे किशोर हैं जो पोक्सो एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में राजकीय संप्रेषण गृह में बंद हैं.

“क्यों पड़ी है चक्कर में कोई नहीं है टक्कर में”इन किशोरों की वायरल हुई रील के बैक ग्राउंड में क्यों पड़ी हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में…गाना बज रहा है. दूसरे वीडियो में “लठ के दम पर ले जावेंगे शोर शराबे से…और तीसरे वीडियो में आखिर तुम्हें आना है, जरा देर लगेगी” गाने पर रील बनाई गई है. इन युवकों ने रील बनाकर अपने-अपने इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड कर दी. वीडियो सामने आने के बाद राजकीय संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं और पूछा जा रहा है कि आखिरकार यह बच्चे सजा काट रहे हैं या मौज मस्ती कर रहे हैं?

संप्रेषण गृह में निरुद्ध अपराधियों को आराम की हर चीज़ उपलब्ध कराई जा रही है. यहां तक कि सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू और फ़ोन भी उपलब्ध है. इस पूरी घटना पर जब डीपीओ अजय पाल सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि युवकों ने किसी दूसरे के मोबाइल से वीडियो बनाकर अपलोड की है. इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है.

अपराधियों में नहीं रहेगा खौफचाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि इन संप्रेषण गृह में निरुद्ध अपराधियों को कानून का भय होना चाहिए. यह वे लोग हैं जो रेप और पोक्सो एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में सजा काट रहे हैं. इन किशोरों को वहां इसलिए भेजा गया है ताकि उन्हें दूसरा मौका मिले. अपनी गलती पर पछतावे हो और जब बाहर आएं तो समाज में दोबारा अपनी जगह बनाएं. अब ऐसी ऐसी वीडियो सामने आती हैं तो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है. वीडियो में देख कर लग रहा है कि यह लोग सजा नहीं मौज काट रहे हैं. इस तरह से तो अपराधियों में सजा का खौफ खत्म हो जाएगा. कई बार लिखित शिकायत भी हुई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में संबंधित अधिकारी, कर्मचारी और टेक केयर के खिलाफ एक्शन होना चाहिए.
Tags: Agra news, Local18FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 21:23 IST

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