लंबे समय तक बैठने या लेटने की आदत आपके दिल की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि दिन के दौरान 10.6 घंटे या उससे अधिक समय तक बैठे रहने से दिल की बीमारियों से मौत का खतरा बढ़ सकता है, भले ही आप रोजाना अनुशंसित व्यायाम कर रहे हों.
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने लगभग 90 हजार ब्रिटिश लोगों के फिटनेस ट्रैकर्स से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया. इन डिवाइसों ने सात दिनों तक उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया. अध्ययन में पाया गया कि औसतन लोग दिनभर में लगभग 9.4 घंटे तक बैठे रहते हैं.
अध्ययन के परिणामकरीब आठ साल बाद जब प्रतिभागियों के दिल की सेहत का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि 10.6 घंटे से ज्यादा का निष्क्रिय समय दिल की विफलता, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत के खतरे को बढ़ा सकता है. यहां तक कि जो लोग हफ्ते में 150 मिनट का मध्यम से तेज व्यायाम करते थे, उनके लिए भी यह खतरा मौजूद था.
एक्सपर्ट की क्या राय?शोध के सह-लेखक शान खुर्शीद ने कहा, “हमारे निष्कर्ष यह बताते हैं कि दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए निष्क्रिय समय को कम करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने सुझाव दिया कि 10.6 घंटे का निष्क्रिय समय एक महत्वपूर्ण सीमा हो सकती है, जिसके बाद दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
30 मिनट का व्यायाम भी काफीअध्ययन के साथ प्रकाशित एक टिप्पणी में ब्राउन यूनिवर्सिटी के डॉ. चार्ल्स ईटन ने कहा कि लोग आमतौर पर अपने व्यायाम के समय को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और बैठने के समय को कम आंकते हैं. उन्होंने सलाह दी कि केवल 30 मिनट की हल्की एक्टिविटी (जैसे टहलना) भी दिल की बीमारियों के खतरे को कम कर सकती है.
यह अध्ययन “जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी” में प्रकाशित हुआ और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र 2024 में प्रस्तुत किया गया. दिल की सेहत के लिए यह स्पष्ट संदेश है: एक्टिव रहें और निष्क्रिय समय को कम करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.