कानपुर. कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखार उद्दीन (Mohammad Iftikhar Uddin) के वायरल वीडियो (viral video) की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है. इसे शासन को अभी नहीं सौंपा गया है. एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ लगे आरोपों पर मुहर लग गई है. वायरल वीडियो उनके ही पाए गए हैं. माना गया है कि वीडियो में जो कहा गया है वह आपत्तिजनक है. सरकारी बंगले में बैठकर इस तरह की तकरीर सेवा नियमावली के खिलाफ है.
जानकारी के मुताबिक एसआईटी को 7 दिन के अंदर यह जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी थी. जांच में वायरल वीडियो की संख्या 70 से ऊपर थी तो वहीं 30 से अधिक लोगों के बयान लिए गए. धार्मिक पुस्तकों की भी सत्यता को जानने के लिए उर्दू अनुवादकों से लेकर विधिक राय तक ली गई है.
16 सदस्यों की टीम ने की जांच
एसआईटी के अध्यक्ष महानिदेशक सीबीसीआईडी जीएल मीना के नेतृत्व में कानपुर के एडीजी भानु भास्कर द्वारा 16 सदस्य टीम ने इसकी जांच की. सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट पूरी तरीके से तैयार हो चुकी है.
वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ आरोपों पर लगी मुहर
एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ लगे आरोपों पर मुहर लग गई है. वरिष्ठ आईएएस वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ महानिदेशक सीबीसीआईडी जीएल मीना और एडीजी भानु भास्कर की टीम ने इसकी जांच की.
इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए
एसआईटी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट बनाकर तैयार हो गई है. इफ्तिखार उद्दीन के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए हैं. वायरल वीडियो उनके ही पाए गए हैं. माना गया है कि वीडियो में जो कहा गया है वह आपत्तिजनक भी है. सरकारी बंगले में बैठकर इस तरह की तकरीर सेवा नियमावली के खिलाफ है. उनके द्वारा लिखे गए साहित्य को भी भड़काऊ माना गया है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
Source link