कानपुर. करीब चार दशक पुराने सिख विरोधी दंगों के मामले में कानपुर में एसआईटी की जांच के बाद अब ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं. पहले 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी SIT ने अब जसवंत सिंह, रमेश चंद्र, रविशंकर, भोला और गंगा बक्श सिंह नाम के 5 और आरोपियों को धर दबोचा. ये पांचों गिरफ्तारियां निराला नगर में हुई वारदात के मामले में किदवई नगर व उसके आसपास के छेत्र से की गईं. आने वाले समय में एसआईटी ऐसे ही 63 और आरोपियों की गिरफ्तारी करने की कोशिश में है.
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी विरोधी दंगों के समय कानपुर में 127 लोगों की हत्या कर दी गई थी. कई लोगों के घरों को जला दिया गया था और जमकर लूटपाट हुई थी. उस समय कई एफआईआर दर्ज हुईं, लेकिन किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका. तभी से सिख समुदाय लगातार इंसाफ के लिए गुहार लगाता रहा. कई सरकारें आईं, कई आयोग बने, कई एसआईटी बनीं, लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2019 में एक बार फिर दंगों की जांच के लिए एसआईटी बनाई, जिसने 11 ऐसे मामले जांच के लिए पाए, जिनमें पर्याप्त साक्ष्य थे. नतीजा यह हुआ कि 11 मामलों में पर्याप्त सबूत और गवाह मिले तो 96 आरोपियों के नाम निकलकर सामने आए. इनमें से 22 लोगों की मौत हो चुकी जबकि 74 की गिरफ्तारी की जानी थी. इनमें से अब तक 11 दंगाइयों की गिरफ्तारी घाटमपुर से की गई.
बुलडोज़र चलाने की मांग भी उठीएसआईटी के इंचार्ज डीआईजी बालेंद्र भूषण ने सरकार द्वारा 6 बार एसआईटी का कार्यकाल बढ़ाने की बात कही और बताया कि गिरफ्तारियां शुरू होने के बाद सिख समुदाय संतुष्ट दिख रहा है. भूषण के मुताबिक सिखों का कहना है कि पुरानी सरकारों ने केवल उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया. न कोई गिरफ्तारी हुई, न कोई मुकदमा ठीक से अंजाम तक पहुंचा. अब योगी सरकार में उन्हें इंसाफ मिल रहा है. सिख समुदाय का कहना है कि दंगे के जो आरोपी गिरफ्तार किए जा रहे हैं, उनकी संपत्तियों पर बुलडोज़र चलना चाहिए.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Sikh Community, UP news, UP police, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 23, 2022, 15:08 IST
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