सिद्धार्थनगर. यूपी सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को निशुल्क दी जाने वाली किताबें कबाड़ में बेचने के मामले से सनसनी फैल गई है. लोगों का कहना है कि आखिर ये घोटाला कैसे हो गया जो किताबें स्कूली बच्चों के बैग में होनी चाहिए थीं, वे कबाड़ी की दुकान में अंदर कैसे पहुंच गईं. ये सभी किताबें इसी सत्र की हैं और इन्हें कबाड़ी को बेचा गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि परिषदीय स्कूलों में बाँटने की जगह किताबें बीआरसी बांसी के कर्मचारियों ने कबाड़ी को बेच दिया था.पुलिस का कहना है कि कबाड़ी की दुकान पर छापा मार कर किताबें बरामद की गईं हैं. ये सभी वर्तमान सत्र की किताबें बताई जा रही हैं. इस मामले में कबाड़ी व दो लोगों से बांसी कोतवाली पुलिस पूछताछ कर रही है. हालांकि खंड शिक्षा अधिकारी बांसी ने इस मामले को लेकर कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि एक पिकअप में भरकर सरकारी किताबें ले रहे थे. इस पिकअप के जरिए ही कबाड़ी तक पहुंचा गया और जब उससे पूछताछ हुई तो दो अन्य लोगों की जानकारी मिली है.कबाड़ी और दो लोगों से हो रही पूछताछ, बड़े अफसरों तक पहुंची बातपुलिस की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. पुलिस कबाड़ी और उसके बताने पर 2 अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है. पुलिस का कहना है कि पूरे मामले का जल्द ही खुलासा हो जाएगा. इसमें सरकारी कर्मचारी ही शामिल होने की आशंका है. एक मिनी ट्रक जितना सामान है, जिसका वजन करीब 700-800 किलो तक हो सकता है. इन्हें बोरों में छिपाकर कबाड़ी की दुकान तक भेजा गया था. इधर, शिक्षा विभाग के अफसरों तक बात पहुंच गई हैं.FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 19:31 IST