सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: प्रभु राम की नगरी अपने राम के स्वागत के लिए सजकर तैयार हो गई है. पूरी नगरी को त्रेता की तरह सजाया गया है. अयोध्या में ऐसा लग रहा है मानो प्रभु राम अपने घर वापस आ रहे हैं. हर तरफ का वातावरण राममय नजर आ रहा है. 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य में महल में विराजमान होंगे. 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद 22 जनवरी की यह तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी. जब मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे. रामलला के अयोध्या में विराजमान होने का दिन लगातार पास आ रहा है. अब बस पूरे देश को 22 जनवरी का इंतजार है.
दरअसल, राम जन्म भूमि परिसर प्रभु राम की जन्मस्थली है तो राम मंदिर में भगवान राम बालक स्वरूप विराजमान होंगे. 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में रामलला की प्रतिमा राम मंदिर में विराजमान होगी. श्यामल रंग के पत्थर से यह प्रतिमा बनाई गई है. पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है. इतना ही नहीं इस मूर्ति का वजन का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब प्रतिमा को गर्भ गृह में रखा जा रहा था तो उसके लिए क्रेन की आवश्यकता पड़ी थी. इस प्रतिमा का वजन 1500 किलो यानि 1.5 टन है.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर में विराजमान होने वाली मूर्ति की विशेषता का बखान करते हुए बताया कि भगवान राम लला की प्रतिमा का निर्माण देश के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने की है. इस मूर्ति की प्रमुख विशेषताएं हैं :⦁ श्यामल रंग के पत्थर से इस प्रतिमा का निर्माण हुआ है.⦁ 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में रामलला की प्रतिमा राम मंदिर में विराजमान होगी.⦁ श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है.⦁ कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष है.⦁ मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है.⦁ मूर्ति का वजन 1500 किलो है.⦁ चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी.
.Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Dharma Aastha, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 18, 2024, 19:09 IST
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