Last Updated:March 10, 2025, 23:37 ISTRamadan fasting Rules: आज की तारीख में कई बार लोग मंदिर-मस्जिद तो जाते हैं लेकिन उस स्थान को लेकर उनमें कुछ खास आस्था नहीं दिखती है. लोग अपने मोबाइल में फोटो औऱ वीडियो बनाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं. इसी तरह रो…और पढ़ेंX
क्या आपको पता है आंख, कान और मुंह का भी होता है रोजासहारनपुर: इस्लाम धर्म मे रमजान का महीना बहुत ही पाक महीना माना जाता है. पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है. भारत में दो मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पवित्र और खास माना जाता है. रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम धर्म के लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. रोजा रखने से जुड़ी कई नियम हैं जिनका पालन करने पर ही रोजा पूरा माना जाता है.
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना होता है. रमजान के पूरे महीने के दिनों में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और इस्लामी कलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देने पर शव्वाल की एक तारीख को खुदा का शुक्रिया करते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है.
रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छा कार्य करने से 70 गुना अधिक शबाब मिलता है. लेकिन क्या आपको पता है खुदा का साथ बना रहे इसके लिए केवल रोजा रखना ही काफी नहीं है रोजा रखने के साथ-साथ रोजा रखने वाले पर कुछ और चीजें भी लागू होती हैं. जैसे की गलत नहीं देखना, गलत नहीं सुनना और अपने मुंह से कुछ गलत नहीं बोलना तभी वह खुदा की नजरों में सच्चा और अच्छा रोजेदार ठेरता है. वही अगर किसी ने जाने अनजाने में कुछ गलत देख लिया हो, गलत सुन लिया हो या फिर अपने मुंह से गलत बोल दिया हो तो तुरंत खुदा से अपने गुनाहों की तौबा कर लेनी चाहिए.
जाने अनजाने में हुए गुनाहों की खुद से करें तौबामुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गोरा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि रमजान मुसलमान के लिए बहुत ही पवित्र महीना है. इसकी फजीलत कुरान और हदीसों में बताई गई है. रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना है इस महीने में जो भी नेक काम होता है उसका शबाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है.
रमजान महीने में प्रत्येक दिन रोजे रखे जाते हैं प्रत्येक मुसलमान पर जो बालिक आकिल हो उस पर फर्ज होते हैं. साथ ही रोजा छोड़ने वाला गुनहगार होता है. हमें समझ लेना चाहिए कि रोजा खाना, पीना छोड़ने का नाम नहीं है रोजा आंखों का भी होता है, मुंह का भी होता है और कानों से भी होता है. अगर कोई व्यक्ति रोज़े से है तो वह रोजे के साथ-साथ इन बातों का भी विशेष ध्यान रखें कि आंखों से कोई भी गंदी चीज ना देखें, साथ ही कानों से गंदी बात ना सुने और अपने मुंह से कोई गंदी बात ना निकाले. अपने ऊपर संयम रखें, गुस्सा ना करें, अपने आप को शांत रखें और कुरान की ज्यादा से ज्यादा दिलावत करनी चाहिए.
कुरान को पढ़ने के साथ ही साथ उसको समझ कर भी अपनी जिंदगी पर लागू भी करें. वही अगर कोई व्यक्ति जाने अनजाने में गलत सुन लेता है, गलत बोल देता है या गलत देख लेता है तो तुरंत उसको खुदा से तौबा करनी चाहिए साथ ही अल्लाह से प्रॉमिस भी कर लेना चाहिए आगे से मैं ऐसा नहीं करूंगा यही एक सच्चे मोमिन की पहचान है.
Location :Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :March 10, 2025, 23:37 ISThomefamily-and-welfareशरीर के अंगों से भी होता है रोजा, आंख कान और मुंह से जुड़े हैं ये तीन नियम