श्री कृष्ण कूप में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुई पूजा-अर्चना, हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलीलें

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श्री कृष्ण कूप में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुई पूजा-अर्चना, हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलीलें



मथुरा. मथुरा में शाही ईदगाह की सीढ़ियों के समीप स्थित कृष्ण कूप पर सोमवार को हिंदू धर्म की महिलाओं ने पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में पूजा-अर्चना की. पुलिस प्रशासन ने कृष्ण कूप के पूजन की अनुमति केवल उन महिलाओं को दी जो स्थानीय गली की निवासी थी. उधर, इस मामले की सुनवाई आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई. मुख्यवादी पक्ष का आशुतोष पाण्डेय ने स्वयं पैरवी करते हुए नगर मजिस्ट्रेट मथुरा के आदेश पुलिस क्षेत्राधिकारी मथुरा की रिपोर्ट जिसमें श्री कृष्ण कूप (श्री कृष्ण जन्मभूमि विवादित परिसर) हिंदुओं का मानते हुए परंपरागत माता शीतला सप्तमी, अष्टमी पर पूजा होने की पुष्टि के साक्ष्य प्रस्तुत किए.

जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच लगभग 2 घंटे सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में आज की सुनवाई में मुख्य रूप से कृष्ण कूप में स्वतंत्र रूप से पूजा की इजाजत दिए जाने की अर्जी पर बहस की गई. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने सिविल वाद की पोषणीयता को लेकर भी बहस की. मुस्लिम पक्ष ने वाद संख्या 4,5,7 और 17 को लेकर पोषणीयता पर बहस की. मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट तसनीम अहमदी और महमूद प्राचा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दलीलें पेश की. मुस्लिम पक्ष ने पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष की ओर से दिए गए फोटोग्राफ्स पर ऑब्जेक्शन दाखिल किया. अगली सुनवाई पर हिंदू पक्ष मुस्लिम पक्ष के आब्जेक्शन का जवाब दाखिल करेगा.

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वहीं अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने दलील दी कि कृष्ण कूप में पुलिस सुरक्षा में शीतला सप्तमी पर आज पूजा-अर्चना की गई है. कल भी शीतला अष्टमी पर कृष्ण कूप में पूजा-अर्चना की जानी है. ऐसे में पूजा अर्चना में किसी तरह का व्यवधान नहीं होना चाहिए. हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया है कि शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष के लोग कृष्ण कूप की पूजा में अवरोध उत्पन्न करते हैं. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कृष्ण कूप का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ जी ने कराया था. यहां पर 5000 सालों से पूजा-अर्चना होती आई है.

मुस्लिम पक्ष ने अर्जियों को खारिज करने की मांग कीमुस्लिम पक्ष की दलील है कि दाखिल की गई याचिकाएं सुनवाई के लायक नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने अर्जियों को खारिज करने की मांग की है. मुस्लिम पक्ष ने अभी तक की सुनवाई में मुख्य रूप से 1991 के प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील दी है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पिछली कई तारीखों से सुप्रीम कोर्ट की वकील तसनीम अहमदी दलीलें पेश कर रही हैं.

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हिंदू पक्ष को दलीलें पेश करने का मौका मिलेगाहिंदू पक्ष ने भी अदालत में मुस्लिम पक्ष की दलीलों का जवाब देने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर रखी हैं. हिंदू पक्ष की अर्जियों पर पोषणीयता की मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद हिंदू पक्ष को दलीलें पेश करने का मौका मिलेगा. मुस्लिम पक्ष की ओर से आर्डर 7 रूल्स 11 के तहत अर्जियों की पोषणीयता को चुनौती दी गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है. अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर सुनवाई हो रही है. ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिन्दुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है. मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी.

(इनपुट: सर्वेश मिश्रा, प्रयागराज से भी)
.Tags: Mathura news, Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : April 1, 2024, 21:29 IST



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