मंगला तिवारी/मिर्जापुर: गड़बड़ा शीतला धाम का 15 दिवसीय मेला का आज से शुरुआत हो गया है. मेला के प्रथम दिन ही आज मां शीतला धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. यह मेला शीतला माता की पूजा के साथ शुरू होता है. यहां सेवटी नदी के किनारे माता का पौराणिक मंदिर है. मान्यता है कि जो लोग यहां माथा टेकने आते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही संतान प्राप्ति की भी मुरादें पूरी होती हैं. 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में मिर्जापुर जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों के साथ ही बिहार और मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों से लोग दर्शन करने आते हैं.
लालगंज तहसील के हलिया ब्लाक में स्थित गड़बड़ा धाम अति प्राचीन है. किदवंतियों के मुताबिक मां शीतला यहां पर लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व टेढ़ी नीम के खोखले से प्रकट हुई थीं. बाद में स्थानीय लोगों ने मां शीतला का मंदिर बनवा दिया. ये स्थान जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर विंध्य पर्वत की तलहटी में सेवटी नदी के किनारे स्थित है. यहां आज, सोमवार से 15 दिवसीय मेला शुरू हो गया, जहां लाखों की संख्या में भक्तों ने सेवटी नदी में स्नान के बाद मां शीतला का दर्शन किया.
भक्तों की अभिलाषा होती है पूर्णपुजारी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि श्रद्धालु पूरी आस्था से मां का दर्शन-पूजन करते हैं. गड़बड़ा धाम में दर्शन मात्र से ही भक्तों की अभिलाषा पूर्ण हो जाती है. मां शीतला का ऐसा प्रताप है कि वह चमत्कार ही लगता है. इस वजह से यहां अन्य जनपदों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. आज गंवई मेला था, अगले सोमवार को शहरी मेला यानी बड़ा मेला होगा. वहीं, तीसरे सोमवार, 1 जनवरी को गंवई मेला से समापन होगा. उन्होंने बताया कि भक्तों की मुरादें पूरी होने पर यहां पर मुंडन संस्कार के साथ मनौती मानने वाले रोट व लपसी का भोग लगाते हैं.
दर्शन करने से लौट आती है आंखों की रोशनीशीतला माता मंदिर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए विख्यात है. पुजारी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मां के दर्शन से निःसंतान दंपति को संतान प्राप्ति होती है. दरबार में ऐसे कई दंपति आते हैं जिनकी मनौती पूरी हुई है. वो आगे बताते हैं कि जिनके आंखों की रोशनी चली गई हो यदि वह श्रद्धा भाव के साथ मां का दर्शन करता है तो उसके आंखों की रोशनी दुबारा लौट आती है. इसके अलावा यदि कोई चेचक जैसी बीमारी से ग्रसित है. उसको इस मंदिर के कुंड का जल ले जाकर स्नान करा दिया जाय तो वह स्वस्थ हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से प्रेतात्मा शरीर छोड़ देती है. इस वजह से मंदिर में प्रत्येक दिन रोग मुक्ति तथा प्रेत बाधा मुक्ति के लिए हजारों की संख्या में लोग हाजिरी लगाते हैं.
.Tags: Dharma Aastha, Hindu Temple, Local18, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 12:25 IST
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