शहर की शान है उमा शंकर पांडे… हर मुद्दे पर किया संघर्ष, गरीबों का फ्री लड़ते हैं केस

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शहर की शान है उमा शंकर पांडे... हर मुद्दे पर किया संघर्ष, गरीबों का फ्री लड़ते हैं केस



आदित्य कृष्ण/अमेठी: हर जिले में कुछ न कुछ बेहतर होता है, ऐसे में अमेठी जनपद भी इससे अछूता नहीं है. आज हम आपको मिलाने जा रहे हैं एक ऐसे खास शख्स से, जिसने हर मुद्दे पर संघर्ष कर शहर-ए-शान की उपलब्धि हासिल की है. दरअसल, ये बात है अमेठी के रहने वाले उमा शंकर पांडे की. जिन्होंने जिले को बहाल करने में भी संघर्ष किया है. अमेठी के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता की कहानी काफी संघर्ष भरी है. इनके संघर्षों को देखकर जिला प्रशासन के साथ कई बड़ी हस्तियां इनको सम्मानित भी कर चुकी हैं.

गौरीगंज जिला मुख्यालय के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता उमा शंकर पांडे का जन्म 31 दिसंबर 1952 में हुआ. 28 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने 1982 से संघर्ष करना शुरू किया. इसके साथ ही 2003 में जिले को बहाल करने में उन्होंने 7 सालों का संघर्ष किया और 2010 में जिले को बहाल कराया. पहले छत्रपति शाहू जी महाराज नगर के नाम से चल रहे जिले का नाम अमेठी कराने में उमा शंकर पांडे ने हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी. 2010 में उन्हें सफलता मिली और 3 जुलाई 2010 को जिले को अमेठी का नाम देते हुए जिला बहाल कर दिया गया. इसके साथ ही जिस किसी को जैसी जरूरत होती है, वह इनसे सीधे सम्पर्क कर सकता है. इसके लिए इन्होंने अपने मोबाइल नंबर को 9415185074 भी सार्वजनिक किया है.


गरीबों का फ्री में लड़ते हैं केसजनपद के विकास के लिए भी उमा शंकर पांडे ने लड़ाई लड़ी और किसानों की जमीन वापस दिलाने के लिए भी कई बार आंदोलन छेड़ा. इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज बनवाने के लिए भी कई बार सरकार को पत्र जारी किया. इसके साथ ही खास बात यह है कि उमा शंकर पांडे अधिवक्ता होने के नाते विवादों से पीड़ित गरीब अधिकारियों का मुकदमा भी मुफ्त लड़ते हैं. अब तक 1 हजार से अधिक मुकदमे उन्होंने मुफ्त में लड़ कर कई गरीब परिवारों को न्याय दिलाया है.

अंतिम सांस तक जारी रहेगा संघर्षन्यूज 18 लोकल से खास बातचीत में उमा शंकर पांडे ने बताया कि- हमने हर मुद्दे पर संघर्ष किया है, फिर चाहे किसानों का मुद्दा ह, शिक्षा की बात हो, स्वास्थ्य की बात हो. इसके साथ ही किसी भी समस्या को खत्म करने का संघर्ष हमने 1982 से लेकर अब तक किया है. यह संघर्ष आखरी सांस तक जारी रहेगा. हमारे तीन मुद्दे प्रमुख हैं जनपद में मेडिकल कॉलेज खोला जाए, इसके साथ ही जायस में बंद पड़े वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर को चलाया जाए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके.
.Tags: Amethi news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 08, 2023, 13:17 IST



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