शीतलहर और पाले से मंडरा रहा फसलों पर खतरा, अपनाएं ये आसान तरीका, होगी बंपर पैदावार

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शीतलहर और पाले से मंडरा रहा फसलों पर खतरा, अपनाएं ये आसान तरीका, होगी बंपर पैदावार



सौरभ वर्मा/रायबरेली : उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा किसानों के लिए एक नई मुसीबत बन रहा है. कुछ जगहों पर फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को कोहरे से फसलों के बचाव के उपाय बताया है. किसान यह छोटा सा उपाय कर कोहरे एवं पाले से अपनी फसलों का बचाव कर सकते हैं.

गौरतलब है कि सर्दी के साथ कोहरा भी दस्तक दे चुका है. कोहरे के कारण फसलों में रोग लगने का खतरा बढ़ गया है. इन दिनों में सुबह के समय अक्सर ओस जमी दिखाई दे रही है. खूबसूरत सी लगने वाली बर्फ जैसी बूंदें आपकी फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं. बीते एक सप्ताह से यूपी की राजधानी से सटे जनपद रायबरेली में भी मौसम खराब होने के साथ ही घना कोहरा भी पड़ रहा है.

ठंड के कारण बढ़ा बीमारियों का खतराराजकीय कृषि रक्षा इकाई रायबरेली (शिवगढ़) के प्रभारी शिवशंकर वर्मा के मुताबिक बीते कई दिनों से लगातार कोहरा पड़ रहा है. जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. फसलों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. लंबे समय तक कोहरे का प्रभाव फसल पर रहने से फसल की ग्रोथ कम हो जाती है और उसमें फंगस की बीमारी फैलने लगती है. जिससे फसल पूरी तरह से खराब हो जाती है. ऐसे में किसान अपनी फसल का बचाव करने के लिए अपने खेतों में नमी बनाए रखें.

इन फसलों के लिए नुकसानदायक है कोहराशिव शंकर वर्मा ने बताया कि लगातार पढ़ रहा भीषण कोहरा, पाला पत्तेदार फसलों आलू सरसों एवं चना के साथ गेहूं की फसल के लिए काफी हानिकारक है. इन फसलों को कोहरे और पाला से काफी नुकसान होता है और इनमें बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए किसान अपनी फसलों को इससे बचाव के लिए अपने खेतों में नमी बनाए रखें ओर खेतों के आस पास धुंआ कर दें.

कोहरा और पाला से ऐसे करें फसलों का बचाव⦁ जिस रात पाला पड़ने का खतरा हो उस रात 12 से 2 बजे के आसपास खेतों के किनारे पर बोई हुई फसल के आसपास मेड़ों पर रात्रि में कूड़ा कचरा या अन्य घास फूल जला कर धुआं करना चाहिए ताकि खेत में धुआं आ जाये और वातावरण में गर्मी हो जाए.

⦁ दीर्घकालिन उपाय के रूप में फसलों को बचाने के लिये खेत की मेड़ों पर और बीच-बीच में उचित स्थानों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शहतूत, शीशम, और जामुन आदि लगा दिये जाए तो पाले और ठंडी हवा के झोंको से फसल का बचाव हो सकता है.⦁ पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है. उद्यानों व नकदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के ताप को कम न होने देने के लिए फसलो को टाट, पॉलीथीन अथवा भूसे से ढक दे.
.Tags: Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 18:10 IST



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