शौक नहीं मजबूरी, पहले बच्चे और फिर शादी करते हैं ये लोग, रोचक है देवरिया की ये कहानी

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Last Updated:April 10, 2025, 22:13 ISTDeoria news in hindi today: शहरों में लोग लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हैं. लोगों की इसके बारे में अलग-अलग राय होती है.X

झारखंड के दो प्रेमी जोड़ों की दिल छू लेने वाली कहानीदेवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित एक ईंट-भट्ठे से जुड़ी दो प्रेम कहानियां इन दिनों लोगों के दिलों को छू रही हैं. ये कहानियां केवल प्रेम की नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और सामाजिक सहयोग की मिसाल भी हैं. झारखंड से आए मजदूरों के दो जोड़े कर्मा और सीमा के साथ प्रदीप और रूपा वर्षों से एक-दूसरे के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. अब ये जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंध चुके हैं. इन शादियों ने यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे जितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर प्यार सच्चा हो और समाज का साथ मिले तो हर सपना साकार हो सकता है.

पहली कहानी है कर्मा और सीमा की. ये झारखंड के गुमला जिले से हैं. वे पिछले चार वर्षों से साथ रह रहे थे और उनके दो छोटे बच्चे भी हैं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कर्मा और सीमा विवाह नहीं कर पा रहे थे. इसके बावजूद उनका रिश्ता मज़बूत बना रहा. हाल ही में जब थोड़ी बचत हुई और साथी मजदूरों का सहयोग मिला तब उन्होंने अपनी जिंदगी के इस सबसे बड़े फैसले को साकार करने का निर्णय लिया.

दूसरी कहानी है प्रदीप और रूपा की. दोनों पिछले दस वर्षों से साथ रह रहे थे. प्रदीप बताते हैं कि उनके पिता का निधन बहुत पहले हो गया था और पारिवारिक हालात बहुत नाजुक थे. इस कारण विवाह करना उनके लिए एक असंभव सपना जैसा था मगर वर्षों की मेहनत, धैर्य और इच्छा शक्ति ने आखिरकार उन्हें उनकी मंज़िल तक पहुंचा दिया.

ईंट भट्टा मालिक ने निभाई भूमिकाइन दोनों शादियों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ईंट-भट्ठा मालिक ने. उन्होंने इस पहल का समर्थन किया और उनके विवाह का पूरा खर्च भी स्वयं उठाया. विवाह समारोह पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बरारी गांव स्थित देवकलीनाथ मंदिर में सम्पन्न हुआ. डीजे की धुनों पर बारात निकली. वरमाला और सिंदूरदान की रस्में पूरी हुईं और मंत्रोच्चारण के साथ दोनों जोड़े वैवाहिक बंधन में बंध गए.

इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. पूरे उत्साह के साथ भोज का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने सहभागिता की. यह आयोजन न केवल एक सामाजिक समारोह था, बल्कि यह एक गहरी मानवीय भावना का प्रतीक भी बना.

देवरिया की इस घटना ने यह दिखा दिया कि सच्चा प्यार किसी बंधन, जात-पात या आर्थिक स्थिति का मोहताज नहीं होता. जब समाज साथ खड़ा होता है तब ज़िन्दगी के सबसे मुश्किल सपनों को भी साकार किया जा सकता है. यह कहानी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिन हालातों में भी अपने रिश्तों को संजोए रखते हैं.
Location :Deoria,Uttar PradeshFirst Published :April 10, 2025, 22:13 ISThomeuttar-pradeshये कैसी मजबूरी! पहले बच्चे और फिर शादी, रोचक है देवरिया की कहानी

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