Shardul Thakur Ranji Trophy: मुंबई ने रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड के अपने आखिरी ग्रुप मैच में मेघालय को पारी और 456 से करारी शिकस्त दी. मुंबई की जीत के हीरो रहे शार्दुल ठाकुर जिन्होंने दोनों पारियों में चार-चार विकेट लेने के अलावा 84 रनों का महत्वपूर्ण योगदान भी दिया. उन्हें इस प्रदर्शन ने टीम को जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई, जिसके लिए ही उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया. इस जीत से मुंबई की टीम रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप ए पॉइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंच गई है.
मुंबई की विशाल जीत
शार्दुल ठाकुर और तनुष कोटियान के चार-चार विकेट की बदौलत मुंबई की टीम शनिवार को मेघालय को पारी और 456 रन से रौंदकर रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप ए तालिका में टॉप पर पहुंच गई. मुंबई के इस जीत से 29 अंक अंक हो गये हैं और जम्मू कश्मीर के भी इतने ही अंक हैं, लेकिन डिफेंडिंग चैम्पियन नेट रन रेट (1.74) के आधार पर जम्मू कश्मीर (1.59) से आगे है. जम्मू कश्मीर इस समय बड़ौदा के खिलाफ कम से कम तीन अंक हासिल करने की स्थिति में है और वह लीग मुकाबलों का अंत टॉप स्थान पर करेगी.
मुंबई ने खड़ा किया था विशाल स्कोर
पहली पारी के आधार पर 585 रन के विशाल स्कोर से पिछड़ रही मेघालय की टीम के बल्लेबाज मुकाबले में दूसरी दफा विफल रहे और पूरी टीम 129 रन पर सिमट गई, जिसमें शार्दुल ठाकुर ने 48 रन देकर चार और कोटियान ने 15 रन देकर चार विकेट झटके. मेघालय ने पहली पारी में 86 रन बनाये थे, जिसके जवाब में मुंबई की टीम ने पहली पारी 7 विकेट पर 671 रन बनाकर घोषित कर बोनस अंक की जीत की नींव रखी.
शार्दुल का शानदार प्रदर्शन
शार्दुल ठाकुर ने बल्ले और गेंद दोनों से ही ऑलराउंड प्रदर्शन किया. उन्होंने आठवें नंबर पर तूफानी बैटिंग करते हुए 200 के स्ट्राइक रेट से 42 गेंदों में 84 रन ठोक डाले. मेघालय के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए शार्दुल ने पारी में 5 छक्के और 9 छक्के लगाए. इसके बाद उन्होंने दोनों पारियों में लाजवाब बॉलिंग करते हुए मेघालय की बैटिंग तहस-नहस की. शार्दुल ने दोनों पारियों में चार-चार विकेट चटकाए.
यह जीत रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक पारी के लिहाज से मुंबई की सबसे बड़ी जीत थी, लेकिन इसने क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उनकी संभावनाओं को भी मजबूत किया जो 8 फरवरी से शुरू होगा. तीसरे दिन मेघालय ने दो विकेट पर 29 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया. किशन लिंडोह (39) और अनिरुद्ध बी (24) के टिके रहने के बावजूद मुंबई को आठ विकेट लेने में केवल एक सत्र लगा.