सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि शनिदेव का प्रभाव जब व्यक्ति पर शुभ होता है तो उसके जीवन में अच्छे बदलाव देखने को मिलते हैं. इतना ही नहीं, शनिदेव को कर्मफल का दाता भी कहा जाता है. शनिदेव का आशीर्वाद अगर व्यक्ति को मिल जाए तो वो उसे राजा पहले बना देते हैं, तिलक बाद में करते हैं. इतना ही नहीं, शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ और अशुभ फल दोनों देते हैं.ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनिदेव 17 जून को कुंभ राशि में वक्री होने वाले हैं. ऐसी स्थिति में शनिदेव के एक राशि से दूसरी राशि में वक्री होने से सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा.उत्तर प्रदेश के अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 17 जून, 2023 को शनिदेव अपने मूल राशि में वक्री होने जा रहे हैं. शनि के साथ-साथ राहु और केतु की चाल भी वक्री होने जा रही है. ऐसी स्थिति में चार राशि के जातकों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति रहेगा. यह राशि हैं कर्क, वृश्चिक, सिंह और मीन.शनिदेव के वक्री चाल की वजह से इस राशि के जातक को हर कार्य में निराशा मिलेगी. नौकरी और व्यापार के क्षेत्र में मन नहीं लगेगा. इसकी वजह से परेशानियां बढ़ेंगी. सिंह राशि वाले कोई भी फैसला बहुत सोच समझ कर लें. व्यवसाय में हानि हो सकती है.इस राशि के जातक को अगले छह महीने तक संभल कर रहने की जरूरत है. शनि की वक्री अवस्था की वजह से पारिवारिक मामले के साथ-साथ करियर और आर्थिक मामले में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कारोबार में नुकसान हो सकता है. रिश्तों में दरार पैदा हो सकती है.इस राशि के जातकों को मानसिक और आर्थिक कष्ट होगा. दांपत्य जीवन में परेशानियां आएंगी. सेहत बिगड़ सकती है. घर का माहौल खराब हो सकता है इसलिए सोच-समझ कर सावधान रहने की जरूरत है.शनि की उल्टी चाल की वजह से इस राशि के जातक के लिए मुश्किलों भरा समय रहेगा. कर्क राशि वालों को अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा. खर्च में वृद्धि होगी. नौकरी में उलझन होगा. कार्य क्षेत्र में आसफलता मिलेगी.(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र के द्वारा आधारित है. न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता).FIRST PUBLISHED : June 13, 2023, 15:01 IST
Source link