शाम होते ही बंदर क्यों छोड़ देते हैं निधिवन? क्या है पौधों से जुड़ा रहस्य? पड़ताल में हुआ खुलासा – Why all Monkeys and Birds who resides in Nidhivan leaves before nightfall trees in bending position towards ground know Mysterious And Unknown Facts

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शाम होते ही बंदर क्यों छोड़ देते हैं निधिवन? क्या है पौधों से जुड़ा रहस्य? पड़ताल में हुआ खुलासा - Why all Monkeys and Birds who resides in Nidhivan leaves before nightfall trees in bending position towards ground know Mysterious And Unknown Facts

वृंदावन. श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास एक अद्भुत जगह है जिसे हम निधिवन के नाम से जानते हैं. निधिवन के बारे में आपने भी जरूर सुना होगा. निधिवन को दुनिया के सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक माना गया है. निधिवन के अंदर एक रंगमहल भी है. रंगमहल तीन हिस्सों में है. शयन कक्ष और शृंगार कक्ष. दावा किया जाता है कि जब हर सुबह रंगमहल को खोला जाता है तो वहां भगवान श्रीकृष्ण की मौजूदगी के निशान मिलते हैं. इस रहस्य की कई बार पड़ताल की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई सटीक जवाब नहीं मिल सका है.

वृंदावन के निधिवन के चमत्कार से जुड़ी कहानियां तो वर्षों से सुनी जा रही हैं. दावा किया जाता है कि यहां श्रीकृष्ण आते हैं और अपनी 16 हजार से अधिक गोपियों के साथ रास रचाते हैं, फिर सुबह होते ही अदृश्य हो जाते हैं. दावे से जुड़ी निशानियों के तौर पर दातून, लड्डू, पान और एक लोटा पानी पेश किया जाता है. रंगमहल मंदिर में रात में शयन आरती के बाद इन सभी को रंगमहल के अंदर सात तालों में बंद करके रखा जाता है लेकिन सुबह सब कुछ बदला हुआ मिलता है. फूलों की सेज टेढ़ी-मेढ़ी मिलती है. पूरा 16 शृंगार बिखरा हुआ मिलता है. लड्डू आधे खाए हुए मिलते हैं, दातून चबी हुई मिलती है. पान चबा हुआ मिलता है. लोटे का जल फैला हुआ मिलता है. ऐसा दावा किया जाता है.

निधिवन के रहस्य की शुरुआत यहां के पेड़ों से होती है. अजीब आकार वाले यहां के पेड़ नीचे की ओर बढ़ते हैं. किसी को रात में निधिवन के अंदर रुकने की इजाजत नहीं होती है. निधिवन से जुड़ी कहानियां इतना डरावना रूप ले चुकी हैं कि यहां के आसपास रहने वाले लोग जिनके घर के दरवाजे, खिड़कियां निधिवन की ओर खुलते हैं, वो शाम होते ही उन्हें बंद कर लेते हैं. लोग छतों पर नहीं जाते हैं, चाहे कुछ भी हो. चारों तरफ सन्नाटा हो जाता है. लोग भूल से निधिवन की ओर नहीं देखना चाहते. इंसान ही नहीं, जानवर भी शाम होते ही निधिवन से दूर चले जाते हैं. रात में साढ़े 8 बजे निधिवन का प्रवेश द्वार, निकास द्वार सब बंद हो जाता है. रात में कोई भी जीव-जंतु यहां नहीं ठहरता, अपने आप ही निकल जाते हैं.

News 18 इंडिया की टीम आज से करीब 5 साल पहले निधिवन से जुड़े दावों की पड़ताल करने गई थी. जैसे ही News 18 इंडिया की टीम निधिवन पहुंची, उसने देखा कि शाम होते ही बंदर एक-एक यहां से जाने लगे हैं. यह सब देखकर सब लोग हैरान रह गए. टीम खुद से ताला खरीदकर लाई. रंगमहल मंदिर के मुख्य द्वार पर आठवां ताला टीम ने लगाया और चाबी अपने पास रख ली. पेड़ों के बीच धागे बांध दिए. छोटे-छोटे पौधों के बीच भी धागे बांध दिए. दावा है कि पेड़ सखा बनकर भगवान श्रीकृष्ण के साथ नृत्य करते हैं.

दूसरे दिन सुबह 5 बजे मंदिर के मुख्य द्वार का ताला न्यूज 18 इंडिया की टीम इंडिया ने खोला. रातभर बारिश हुई थी. धागे तो टूटे हुए मिले. छोटी सी झाड़ियों में बंधे धागे भी टूटे हुए मिले. यह हैरानी की बात थी. फिर रंगमहल मंदिर के दरवाजे खोले गए. सात ताले खोलने के बाद जो टीम को दिखाई दिया, वो किसी चमत्कार से कम नहीं था. दातूनें चबी हुई मिलीं. भोग को किसी ने खाया था. पान चबाए हुए मिले. न्यूज 18 इंडिया की टीम ने रंगमहल मंदिर के प्रसाद को पड़ताल के लिए अपने पास रख लिया.

निधिवन के पौधों का रहस्यमथुरा के तत्कालीन डीएफओ से जब न्यूज 18 इंडिया की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया, ‘निधिवन में पीलू के पौधे हैं. उनकी शाखाएं ऊपर की ओर जाने के बजाय धरती की ओर झुकी हुई होती हैं. ये उस वृक्ष का नेचर है. पत्तियां वजनदार होती हैं, इसलिए वृक्ष का झुकाव नीचे की ओर हो जाता है.’

‘बंदरों के निधिवन छोड़ने की बात अचरज नहीं’शाम होते ही बंदर निधिवन क्यों छोड़ देते हैं, वो वन के पेड़ों पर क्यों नहीं रुकते, अभी इस सवाल का वैज्ञानिक जवाब हमें नहीं मिला था. न्यूज 18 इंडिया की टीम एक पशु चिकित्सक के पास पहुंची. पशु चिकित्सक ने बताया, ‘अगर आप निधिवन को ध्यान से देखें तो पाएंगे कि वहां पर बड़े पेड़ नहीं हैं. वहां छोटे पेड़ उपलब्ध हैं. बंदरों के लिए रात में ऐसी चीज कोई उपलब्ध नहीं है जो रात में वो ढूंढ सके. मैं वहां के चमत्कार पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचा सकता. वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करूं तो बंदरों के निधिवन छोड़ने की बात अचरज नहीं है, बल्कि सामान्य बात है.’

‘पान और दातून को किसी इंसान ने चबाया’News 18 इंडिया की टीम प्रसाद को लेकर एक डेंटिस्ट के पास पहुंची. डेंटिस्ट ने प्रसाद देखा और जांच के बाद बताया कि पान और दातून को किसी इंसान ने चबाया जरूर है. हालांकि ऐसा होना संभव नहीं था क्योंकि मंदिर में सात ताले लगाए गए थे. मंदिर के बाहर News 18 इंडिया टीम ने ताला लगाया था. पुजारी के मुताबिक यह प्रसाद का भोग लगाने वाले भगवान हैं जबकि विज्ञान के मुताबिक यह काम किसी इंसान का था. हालांकि प्रसाद और सामान तक पहुंचना किसी के लिए संभव नहीं था. हालांकि निधिवन को लेकर बड़ी वैज्ञानिक पड़ताल की जरूरत है, तभी हकीकत सामने आएगी.
Tags: Lord krishna, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 6, 2024, 21:18 IST

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