Shakib Al Hasan Arrest Warrant: क्रिकेट मैदान से लेकर अपनी पर्सनल लाइफ तक तमाम विवादों से घिरे रहने वाले बांग्लादेशी क्रिकेटर शाकिब अल हसन अब नए केस में फंस गए हैं. दरअसल, इस अनुभवी ऑलराउंडरके खिलाफ ढाका की एक अदालत ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है. क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार चेक बाउंस मामले में उनके खिलाफ यह लीगल एक्शन लिया गया है. आइए जानते हैं पूरा मामला है क्या…
शाकिब के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, शाकिब अल हसन के खिलाफ आईएफआईसी बैंक से जुड़े चेक बाउंस मामले में अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. पूर्व अवामी लीग सांसद शाकिब तब से विदेश में रह रहे हैं, जब से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना छात्र आंदोलन के बाद देश छोड़कर भाग गई थीं. ढाका के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जियादुर रहमान द्वारा यह अरेस्ट वारंट जारी किया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शाकिब का नाम पिछले साल 15 दिसंबर को चेक धोखाधड़ी मामले में आया था. उन्हें 18 दिसंबर को प्रारंभिक सुनवाई के दौरान 19 जनवरी से पहले अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. यह मामला IFIC बैंक के रिलेशनशिप ऑफिसर शाहिबुर रहमान ने बैंक की ओर से दायर किया था, जिसमें शाकिब और तीन अन्य पर दो अलग-अलग चेक के माध्यम से BDT 4,14,57,000 (लगभग 41.4 मिलियन Tk) हस्तांतरित करने की प्रतिबद्धता को पूरा न करने का आरोप लगाया गया था.
इस मामले में शाकिब की कंपनी अल हसन एग्रो फार्म लिमिटेड, इसके मैनेजिंग डायरेक्टर गाजी शाहगीर हुसैन और डायरेक्टर इमदादुल हक और मलाइकर बेगम भी शामिल थे. कंपनी ने IFIC बैंक की बनानी शाखा से कई कर्ज लिए थे और कर्ज के हिस्से को चुकाने के लिए चेक दिए गए थे. हालांकि, फंड न होने के कारण वे बाउंस हो गए.
चैंपियंस ट्रॉफी टीम में नहीं हैं शाकिब
उनके क्रिकेट फ्रंट की बात करें तो शाकिब को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बांग्लादेश की टीम में नहीं चुना गया. उल्लेखनीय है कि शाकिब को अवैध गेंदबाजी एक्शन के कारण गेंदबाजी से बैन कर दिया गया था, जिसके चलते वह आगामी आईसीसी इवेंट के लिए बांग्लादेश की टीम में जगह बनाने में असफल रहे.
इस ऑलराउंडर ने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान टेस्ट से संन्यास ले लिया था. वह ढाका में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में अपना अंतिम मैच खेलना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके क्योंकि उन पर मर्डर केस दर्ज किया गया था. उन्होंने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए देश लौटने से इनकार कर दिया था.