शाहजहांपुर: आज भले ही अराजक तत्व देश के साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों में लगे हो लेकिन शाहजहांपुर का रामलीला साम्प्रदायिक सौहार्द की अटूट मिशाल पेश कर रहा है. यहां मुस्लिम कलाकार भगवान परशुराम का रोल निभाते हैं तो ईसाई कलाकार दशरथ पात्र निभाकर उनके आदर्शों को लोगों के सामने पेश करता है.
शाहजहांपुर के ओसीएफ मैदान में 1965 से रामलीला का मंचन होता चला आ रहा है. रामलीला मंचन की पूरी व्यवस्था ओसीएफ फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से की जाती है और इस रामलीला मंचन में भाग लेने वाले ज्यादातर कलाकार भी ओसीएफ फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी ही हैं. इस रामलीला मंचन में छोटे-बड़े करीब 120 कलाकार हिस्सा लेते हैं. खास बात यह है कि रामलीला मंचन में भाग लेने वाले कलाकार किसी तरह का कोई फीस नहीं लेते.
पैट्रिक दास निभाते हैं दशरथ की भूमिकाशाहजहांपुर की अनोखी रामलीला का मंचन अंकित सक्सेना के निर्देशन में किया जाता है. अंकित सक्सेना स्वयं रावण और भगवान शिव का किरदार निभाते हैं. इसके अलावा ईसाई धर्म से नाता रखने वाले पैट्रिक दास दशरथ और साधु रावण का किरदार पिछले करीब 33 वर्षों से निभाते चले आ रहे हैं. मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले अरशद आजाद पिछले 21 सालों से भगवान परशुराम का किरदार निभा रहे हैं, इसके अलावा सोहेल मोहम्मद विश्वामित्र का किरदार निभाते हैं तो सिख धर्म से नाता रखने वाले सुखलाल सिंह अगस्त मुनि का रोल निभाते हैं. साथ-साथ भजन गायन भी करते हैं.
गंगा- जमुनी तहजीब की जिंदा मिसालइस रामलीला मंचन में लक्ष्मण का रोल देवेंद्रपाल, मां सीता का रोल रानी मिश्रा निभाती है, रानी मिश्रा कॉलेज की छात्रा है. इसके अलावा सीजेएम कोर्ट में तैनात कौशलेंद्र पांडे मेघनाथ का रोल निभाते हैं. ओसीएफ के ही कर्मचारी अरुण डीआर नारद मुनि का रोल पिछले कई सालों से करते चले आ रहे हैं.
भव्य तरीके से होती है रामलीलाशाहजहांपुर के स्थित खास रामलीला मंचन में महिलाओं का रोल महिला ही करती हैं, साथ ही रामलीला मंचन के दौरान सभी कलाकार अपनी ही आवाज में संवाद करते हैं. शाहजहांपुर की प्रसिद्ध ओसीएफ रामलीला को देखने के लिए आसपास के जिलों से लोग भी यहां आते हैं, रामलीला मंचन बेहद ही भव्य तरीके से किया जाता है.
Tags: Dussehra Festival, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 19:33 IST