Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान वनडे में 18,426 और टेस्ट में 15,921 रन बनाए हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स को मिलाकर सचिन तेंदुलकर के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं. सचिन तेंदुलकर बतौर बल्लेबाज बहुत सफल रहे, लेकिन करियर में एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने खुद को ही कप्तानी से हटा दिया. सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था और भारतीय टीम मैनेजमेंट के सामने एक नया कप्तान तैयार करने की चुनौती थी.
सचिन ने खुद को ही कप्तानी से हटा दिया
सचिन तेंदुलकर ने 1996 से लेकर 2000 तक टीम इंडिया की कप्तानी की थी. 1999 में भारत को सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, भारत और पाकिस्तान के बीच खेली गई वनडे ट्राई सीरीज में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद भारत को साल 2000 में घरेलू टेस्ट सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से हार का सामना करना पड़ा. इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सचिन ने टीम इंडिया की कप्तानी को अलविदा कह दिया था.
सचिन के करियर का सबसे बड़ा दर्द
चंदू बोर्डे उस मुश्किल समय में टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर थे, जब सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था. सचिन तेंदुलकर ने खुद उन्हें कप्तानी से हटाने के लिए कहा था. चंदू बोर्डे का कहना था कि सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया की कप्तानी करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करना चाहते थे. चंदू बोर्डे 1984 से लेकर 1986 और 1999 से लेकर 2002 तक टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर रहे थे. सचिन तेंदुलकर ने 1996 से लेकर 2000 तक टीम इंडिया की कप्तानी की थी.
गांगुली को नया कप्तान नियुक्त किया
चंदू बोर्डे ने कहा था, ‘सचिन ने खुद आकर कहा था कि उन्हें कप्तानी से हटा दिया जाए. हमने उन्हें कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया भेजा था. जब सचिन लौटकर आए तो वह कप्तानी नहीं करना चाहते थे.’ चंदू बोर्डे ने कहा था, ‘मैं सचिन को ही कप्तान बनाए रखना चाहता था, हम भविष्य की ओर देख रहे थे, लेकिन फिर सचिन के बार-बार मना करने पर चयनसमिति ने गांगुली को नया कप्तान नियुक्त किया.’
साल 2000 में सचिन ने छोड़ी कप्तानी
सचिन तेंदुलकर ने 98 इंटरनेशनल मैचों में भारत की कप्तानी की थी, जिसमें से टीम इंडिया को 27 मैचों में जीत जबकि 52 मैचों में हार का सामना करना पड़ा. सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारत को 73 वनडे इंटरनेशनल मैचों में से 23 मुकाबलों में जीत मिली थी. जबकि टेस्ट मैचों में टीम इंडिया ने सचिन की कप्तानी में 25 मैचों में से महज 4 मुकाबले ही जीते थे. साल 2000 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सचिन ने टीम इंडिया की कप्तानी को अलविदा कह दिया था. इसके बाद चयनसमिति ने गांगुली को नया कप्तान नियुक्त किया था. सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की.