सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: शिव भक्त सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस साल का सावन 2 महीने का है. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को अगर प्रतिदिन बेलपत्र चढ़ाया जाए तो भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है. आइए हम आपको बताते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र क्यों प्रिय है.
दरअसल, भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय माना जाता है. बेलपत्र को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. अयोध्या के विद्वान पवन दास शास्त्री बताते हैं कि पौराणिक कथा के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान एक विष निकला, जिसके कारण से पूरी सृष्टि में संकट के बादल मंडराने लगे. सभी देवता व्याकुल होने लगे. भगवान शिव के पास गए और सृष्टि की रक्षा की प्रार्थना की. इसके बाद भगवान शिव ने उस विश को धारण कर लिया, जिसके बाद भगवान शिव के शरीर का तापमान बढ़ रहा था और पूरी सृष्टि तपने लगी थी.
आगे बताया कि ताप के प्रभाव से सभी प्राणियों का जीवन कठिन हो रहा था. सृष्टि को बचाने के लिए भगवान शिव ने विष को धारण तो किया, लेकिन उनको उस दौरान बहुत गर्मी लगने लगी, जिस को ठंडा करने के लिए तमाम देवताओं ने शिव को पवित्र नदियों के जल अर्पित किए. उसके बाद बेलपत्र खिलाया. बेलपत्र भगवान शिव पर अर्पित किया. इसके बाद भगवान शिव से विश्व का प्रभाव कम होने लगा, तब से शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई.
एक किवदंती यह भी प्रचलितभगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने को लेकर एक कथा और प्रचलित है. एक बार माता पार्वती के माथे पर पसीना आ गया, जिसके बाद पसीने की कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिर गईं. पार्वती जी के उस पसीने की बूंद से ही बेलपत्र का वृक्ष उत्पन्न हुआ. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, दूध से ही बेलपत्र का वृक्ष उत्पन्न हुआ. बेलपत्र के पेड़ की जड़ में गिरिराज और तने में माहेश्वरी तथा शाखा में दक्षायनी और पत्ती में पार्वती, इसके अलावा पुष्प में मां गौरी का वास होता है. बेलपत्र में कहा जाता है सभी तीर्थ स्थित होते हैं. शायद यही वजह है कि भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से सभी तीर्थों की यात्रा करने के समान पुण्य मिलता है.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Ayodhya News, Local18, Religion 18, SawanFIRST PUBLISHED : July 03, 2023, 20:45 IST
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