अयोध्या : सनातन धर्म में सावन का महीना बहुत ही शुभ माना गया है. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने का विधान हैं. इस महीने में पूरी श्रद्धाभाव से की गई पूजा से शिव जी जरूर प्रसन्न होते हैं. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है. साथ ही यह वह महीना भी है जब समुद्र मंथन हुआ था और विषपान करने के कारण शिव जी को नीलकंठ नाम मिला था. सावन में ही माता पार्वती ने अपनी कठोर तपस्या से महादेव को प्रसन्न किया था तथा शिव और शक्ति का मिलन आरंभ हुआ था.
लेकिन क्या आप जानते हैं सावन में कुछ खास रंग का भी विशेष महत्व होता है. कहा जाता है सावन का महीना प्रकृति से जुड़ा होता है और इस महीने हरे रंग का वस्त्र धारण करना काफी महत्वपूर्ण होता है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि सावन के महीने में क्यों धारण किया जाता है हरे रंग का वस्त्र.
हरा रंग और सावन का संबंधदरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन का महीना प्रकृति से जुड़ा होता हैं और हरा प्रकृति का रंग है. इस दौरान भारी बारिश की वजह से हर तरफ हरियाली छाई रहती है. वहीं, यह रंग प्रकृति का रंग होने के साथ-साथ सौभाग्य से जुड़ा होता है. ऐसा कहा जाता है कि इस रंग के जरिए लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को भी दर्शाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भोलेनाथ को हरा रंग बेहद प्रिय है, जिस वजह से सावन के दौरान हरा रंग पहना जाता है.
सौभाग्य का प्रतीक है हरा रंगपंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन के महीने में महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां हरे रंग की साड़ी पहनना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख और सौभाग्य की भी वृद्धि होती है. इसके साथ ही महिलाएं इस दौरान मेहंदी भी लगाती हैं जो हरे रंग की होने की वजह से शुभ मानी जाती है
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 07:01 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.