पीयूष शर्मा/ मुरादाबाद : इन दिनों साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग नए-नए आइडिया निकालकर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. तो वहीं यूपी के मुरादाबाद से साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट की घटना सामने आई है. जिसमें महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट पर रखा और महिला से 38000 ट्रांसफर करा लिए. साइबर अपराधी ने महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 38 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए. आरोपी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे केसों में जेल भेजने और जीवन तबाह करने की धमकी देकर घटना को अंजाम दिया. इस दौरान आरोपी ने पीड़िता को किसी से बात तक नहीं करने दी. तीन घंटे बाद डिजिटल अरेस्ट से आजाद हुईं असिस्टेंट प्रोफेसर ने साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की.
महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट कर की गई ठगी
मुरादाबाद के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट का एक प्रकरण मुंडा पांडे थाने का बताया जा रहा है. लेकिन इस प्रकरण में अभी तक कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया है. उसमें एक लेडी टीचर है. उनको कुछ झांसा देकर के उनसे लगभग 38 हजार रुपए का फ़्रॉड किया गया है. उन्होंने बताया कि यह डिजिटल अरेस्ट की जो घटनाएं हैं यह तरह-तरह के तरीकों से हो रही है. उसमें हमारी तरफ से लगातार अवेयरनेस को लेकर भी काम किया गया है. समय समय पर समाचार पत्रों के माध्यम से हम लोगों को अवेयर भी करते हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए. ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखने को मिलता है कि वहां पर तरह-तरह के एड आते रहते हैं कि इस लिंक पर क्लिक करने पर यह खुलेगा आदि. उस लिंक पर क्लिक करने पर बहुत सारा हमारा डाटा उसके पास चला जाता है. इसलिए ऐसे अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए. इस तरह के फोन कॉल्स आते हैं. तो उससे भी बात न करें. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना हो भी जाए तो 1930 पर कॉल करें. जो हमारी पूरी नेशनल साइबर हेल्पलाइन है. जिसमें कॉल करने पर आपको तत्काल कुछ फिलअप करने के लिए बोला जाएगा. फिलअप करने पर आपके साथ जो फाइनेंशियल फ्रॉड हुआ है उस अमाउंट को ब्लॉक किया जा सकता है. दूसरा उसके बाद हमारे हर जनपद में साइबर थाने बने हुए हैं. हर जनपद के थाने में साइबर सेल हैं. वहां हमारे लोग बैठे हैं. जिनको इस बारे में जानकारी है. वहां पर जाकर एप्लीकेशन दे सकते हैं. जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
अननोन ऐप को ना करें डाउनलोड
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जितने भी ऐप हैं. उन सभी ऐप पर बिना जानकारी के अपनी आईडी नहीं बनाएं. कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है, तो एकदम उसकी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट ना करें. पहले उसे वेरीफाई कर लें, अच्छे से जान लें. इसके साथ ही बहुत सारे लोग पासवर्ड लगा कर रखते हैं. उन पासवर्ड को भी समय-समय पर चेंज करते रहना चाहिए.
Tags: Cyber Crime, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 10:37 IST