Saurav Ghoshal winning a medal in commonwealth games 2022 and create history | सौरव घोषाल ने स्क्वाश में मेडल जीतकर रचा इतिहास, इस वजह से आंखों से नहीं रूके आंसू

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Saurav Ghosal: भारत के सुनहरे कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पहली बार सौरव घोषाल ने स्क्वाश के सिंगल इवेंट में मेडल अपने नाम किया. सौरव घोषाल (Saurav Ghosal) सुपरस्टार भारतीय स्क्वाश खिलाड़ी हैं. उन्होंने सिंगल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता. जीत के बाद सौरव घोषाल काफी भावकु हो गए और अपने आंसू रोक नहीं पाए. 
Saurav Ghosal हुए भावुक 
सौरव घोषाल (Saurav Ghosal) ने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में इंग्लैंड के जेम्स विल्सट्रॉप को सीधे गेम में 3-0 से हराया. मैच पर उन्होंने शुरुआत से ही पकड़ बनाए रखी और अपने विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया. दुनिया के 15वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल ने मेजबान देश के दुनिया के 24वें नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ 11-6, 11-1, 11-4 से आसान जीत दर्ज की और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया. कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल इवेंट में स्क्वाश का ये पहला मेडल है. इसके बाद सौरव घोषाल भावुक हो गए. 
2018 में भी जीता मेडल 
साल 2018 में हुए गोल्ड कोस्ट सौरव घोषाल (Saurav Ghosal) ने दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर मिक्सड इवेंट का सिल्वर मेडल जीता था. सौरव 2010 से कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं. 2014 में वह मामूली अंतर से मेडल जीतने से चूक गए थे. इसके बाद साल 2018 में वह टॉप-32 से बाहर हो गए थे, लेकिन मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की मेहनत रंग लाई और उन्होंने मेडल पर कब्जा जमा लिया. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स की प्रैक्टिस करने के लिए वह अपने परिवार से दूर भी रहे थे. सौरव (Saurav Ghosal) को कॉमनवेल्थ गेम्स में लंबे समय बाद मेडल मिला था, इसी वजह से वह उनकी आंखे नम हो गईं. 
बंगाल के रहने वाले हैं Saurav Ghosal
सौरव घोषाल (Saurav Ghosal) का जन्म 1986 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ. वह अपने करियर में स्क्वाश की दुनिया में रैंकिंग नंबर 10 तक पहुंचे थे. एशियन गेम्स में सौरव घोषाल (Saurav Ghosal) ने एक गोल्ड, एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं. 
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