Sarnath Shiv Temple in Mirzapur, Aurangzeb attacked, is still a center of faith, the archaeological department has preserved

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Sarnath Shiv Temple in Mirzapur, Aurangzeb attacked, is still a center of faith, the archaeological department has preserved

मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : काशी के कर्मदेश्वर महादेव से मिलती-जुलती मंदिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित है. भगवान शिव का प्राचीन सारनाथ मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. इस मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया, यह पता नहीं चल सका है. मंदिर के पुनरोद्धार होने के बाद अनूप जलोटा फाउंडेशन ने गोद लिया है. संस्था के द्वारा धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराया जाएगा.

मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर लरवक गांव में प्रसिद्ध सारनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है. सावन माह में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारी नंदलाल गोस्वामी ने बताया कि इसका निर्माण सातवीं शताब्दी में हुआ था. चुनार के किले से भी इस मंदिर का जुड़ाव है. सन 1978 में गंगा जब रौद्र रूप धारण की थी, तब इनके स्नान के लिए स्वयं मंदिर में आई हुई थी. सावन माह में एक महीने के लिए मेले का आयोजन होता है. पुरातत्व विभाग ने मंदिर को संरक्षित कर लिया है.

औरंगजेब के आगमन को करता है जीवंतमंदिर के पुजारी नंदलाल गोस्वामी ने दावा किया कि मंदिर को नष्ट करने के लिए औरंगजेब आया हुआ था. उस समय उसने नंदी के सिर को तलवार से खंडित कर दिया था. वहीं, अन्य विग्रहों को भी काफी नुकसान पहुंचाया था. औरंगजेब का आगमन का इतिहास आज भी जीवंत है. मंदिर की दीवार और एक अन्य जगह पर कुछ लिखा हुआ है, जिसे आजतक कोई नहीं पढ़ सका है. मंदिर से चुनार किले तक सुरंग की होने की बात भी कहीं जाती है.

हर मनोकामना होता है पूर्ण-भक्तमंदिर में दर्शन के लिए आएं भक्त पत्ती देवी ने बताया कि हम तीसरी पीढ़ी है, जो यहां पर दर्शन कर रहे हैं. मान्यता है कि यहां पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. हर सोमवार व सावन माह में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. शीला देवी ने बताया कि मंदिर काफी प्राचीन है. हर वर्ष यहां पर भीड़ उमड़ती है. सावन में कार्यक्रम का भी आयोजन होता है. मान्यता है कि धाम में दर्शन से हर मनोरथ सिद्ध होता है.

1669 में आगमन का मिलता है इतिहासपुरातत्व विभाग के संरक्षणकर्मी आनंद पटेल ने बताया कि इतिहास में सन 1669 में औरंगजेब के आगमन का जिक्र है. मंदिर काफी प्राचीन है. इसे पत्थरों से तैयार किया गया है. मंदिर के दीवार व अन्य पत्थरों पर कुछ लिखा हुआ है, जिसे आजतक कोई नहीं पढ़ सका है. हमें संरक्षण के लिए तैनात किया गया है.
Tags: Local18, Lord Shiva, Mughal Empire AurangzebFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 07:05 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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