लखनऊ/नई दिल्ली. सरदार पटेल (Sardar Patel) की जयंती पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र किया था. इसके बाद पाकिस्तान के संस्थापक उत्तर प्रदेश में चुनावी चर्चा के केंद्र में आ गए. हालांकि समाजवादी पार्टी के न्यूजलेटर ने उस दिन की रैली का जिक्र करते हुए जिन्ना का जिक्र छोड़ दिया है. न्यूजलेटर में सपा नेता की रैली का जिक्र करते हुए जिन्ना पर दिए उनके बयान को हटा दिया गया है. न्यूजलेटर में लिखा गया है- यादव, सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ 31 अक्टूबर को हरदोई में रैली के संदर्भ में लिखा गया है- ‘यादव ने कहा कि हम स्वतंत्रता संग्राम में पटेल के योगदान को नहीं भूल सकते और उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद में शामिल होने के ऐतिहासिक काम सहित विभिन्न राज्यों को भारतीय संघ में शामिल किया.’ हालांकि इसमें जिन्ना का कहीं कोई जिक्र नहीं है. यादव ने कथित तौर पर कहा था कि पटेल की तरह जिन्ना भी आजादी की लड़ाई में शामिल थे.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम के करीबी राजेंद्र चौधरी ने सरदार पटेल पर एक लेख लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अखिलेश यादव को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों में विश्वास है. चौधरी ने लिखा, ‘लौह पुरुष (सरदार पटेल) के सपनों का भारत बनाने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ लोगों के पक्ष में राजनीति करने के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित हैं.’
भाजपा के शीर्ष नेता एक महीने से यादव पर जुबानी हमला कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजमगढ़ में कहा कि यादव ने ‘चुनाव नजदीक आते ही जिन्ना को एक महान व्यक्ति बताना शुरू कर दिया.’ शाह ने कहा ‘समाजवादी पार्टी जिन्ना, आजम खान और मुख्तार अंसारी (JAM) के लिए खड़ी है.’ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जिन्ना को पटेल के बराबर बिठाने के लिए लोग यादव को कभी माफ नहीं करेंगे.
स्वतंत्रता संग्राम से समाजवादी पार्टी का गहरा नाता- चौधरी का लेखसपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने न्यूजलेटर में प्रकाशित अपने लेख में कहा है कि सभी को सरदार पटेल के आदर्शों को जीवित रखने और देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने का संकल्प लेना चाहिए। चौधरी ने लिखा – ‘सपा हमेशा भारत के स्वतंत्रता नायकों द्वारा दिखाए गए दिशा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रही है. स्वतंत्रता संग्राम से समाजवादी पार्टी का गहरा नाता रहा है. साल 1942 अगस्त क्रांति और भारत छोड़ो आंदोलन में समाजवादियों ने सक्रिय भूमिका निभाई. डॉ राम मनोहर लोहिया ने अगस्त क्रांति को बहुत महत्वपूर्ण माना.’
चौधरी ने लेख में पटेल और यादव की ‘तुलना’ करते हुए लिखा है कि कैसे सरदार पटेल ने आजादी से पहले साल 1918 में गुजरात के खेड़ा में और साल 1928 में बारडोली में किसानों के कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी थी और अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश में यही कर रहे थे. सपा नेता ने लिखा- ‘यूपी में किसान समाजवादी पार्टी की नीतियों का समर्थन करने के लिए एक साथ हैं और सभी यादव का विश्वास करते हैं. अखिलेश यादव के नेतृत्व में यूपी में सरकार राज्य में किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाना अहम है.’
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