सनन्दन उपाध्याय/बलिया: लगभग 7 वर्ष के बाद जिले में ट्रामा सेंटर शुरू होने से जनपद वासियों में आस की नई किरण जागी है. आपको बता दें कि सालों से बनकर तैयार हुआ यह ट्रामा सेंटर संचालित न होने की वजह से सड़क दुर्घटना में घायल मरीज वाराणसी जाने को मजबूर हुआ करते थे. कई मरीज तो रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते थे. लेकिन बलिया में ट्रामा सेंटर अब पूरी तरह से संचालित हो गया है. मरीज भी अब ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाए जा रहे हैं. इसके शुरू होने से कहीं न कहीं सड़क दुर्घटना में मृत्यु की जो दर थी, उसमें भी गिरावट देखने को मिलेगी. जनपद वासियों के लिए यह ट्रामा सेंटर कहीं न कहीं जीवनदायिनी साबित होगा.
जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एस.के यादव ने बताया कि ट्रामा सेंटर पूरी तरह से संचालित किया जा चुका है. अब इसमें मरीज भी भर्ती होने लगे हैं. यह ट्रामा सेंटर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के देखरेख में संचालित हो रहा है. एक्सीडेंट के बाद जो व्यक्ति के पास एक घंटे का गोल्डन ऑवर का समय होता है उसके लिए ट्रामा सेंटर जीवनदायिनी का काम करता है.
इन सुविधाओं के साथ शुरू हुआ ट्रामा सेंटरसीएमएस एस.के यादव ने आगे कहा कि ट्रामा सेंटर बहुत पहले से संचालित करने की चर्चा चल रही थी, जो अब पूरी तरह से शुरू हो गया है. यह अपनी गतिशील अवस्था में है. मरीज के लिए तमाम व्यवस्था की गई हैं. सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के लिए एक घंटा बड़ा महत्वपूर्ण होता है जिसमें उनकी मृत्यु दर, जीवन दर के साथ विकलांगता दर निर्धारित होती है. इस 1 घंटे को गोल्डन ऑवर कहते हैं. अब कहीं न कहीं ट्रामा सेंटर के माध्यम से सड़क दुर्घटना में घायल मरीज की मृत्यु दर में गिरावट आएगी. इस ट्रामा सेंटर के अंदर ऑपरेशन थिएटर, प्री-ऑपरेशन थिएटर, रूम वेंटिलेटर के साथ आईसीयू वार्ड, कंट्रोल रूम स्टोर के साथ ही कई उपकरणों लगाए गए हैं जो मरीज को जल्द ठीक करने में सहायता प्रदान करेंगे.
ये बोले मरीज और तीमारदारट्रामा सेंटर में भर्ती सड़क दुर्घटना के घायल मरीजों और तीमारदारों (पंकज पटेल, अजीत पासवान और अवधेश) ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि सालों से इस ट्रामा सेंटर के शुरू होने का जो सपना था वह कहीं न कहीं अब पूरा गया है. पहले सड़क दुर्घटना में घायल होने पर लोगों को सीधे वाराणसी जाना पड़ता था. अब वह सुविधा कहीं न कहीं बलिया के ट्रामा सेंटर में मिल रही है. इससे सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के मृत्यु दर में काफी गिरावट आएगी. पहले सड़क दुर्घटना में घायल मरीज को वाराणसी के लिए रेफर किया जाता था, जिसमें कुछ मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते थे. लेकिन, अब ऐसा बहुत कम होने वाला है.
.Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 19:19 IST
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