साल में दो माह बनती और बिकती है ये खास किस्म की पट्टी, इतनी होती है कीमत

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साल में दो माह बनती और बिकती है ये खास किस्म की पट्टी, इतनी होती है कीमत

कन्नौज /अंजली शर्मा: कन्नौज में एक खास किस्म की पट्टी बहुत प्रसिद्ध है, जो तिल से बनी होती है. खास ये सावन और भादो में बनकर तैयार होती है. कलावती गट्टा, जो करीब 101 साल पुरानी कन्नौज के सबसे प्रसिद्ध दुकान पर मिलती है. सावन में तीज त्यौहार में इस पट्टी का सबसे महत्वपूर्ण और खास महत्व होता है. यह खास पट्टी साल में सिर्फ 2 माह ही बनती और बिकती है.

कन्नौज मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर कलावती गट्टा भंडार के नाम से प्रसिद्ध यह दुकान अजय पाल रोड लखन चौराहा के पास बनी हुई है. सावन माह में तीज का प्रमुख त्योहार रहता है. ऐसे में मिठाई की जगह यहां और आसपास के कई जिलों के लोग इस तिल की पट्टी का प्रयोग करते हैं. वहीं रिश्तेदारी में किसी के घर जाने पर यह पट्टी लोग ले जाते हैं. साल में जुलाई और अगस्त के महीने में ही यह बनाई और बेची जाती है. सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, मैनपुरी समेत दूर-दूर से लोग यहां पर तिल की पट्टी लेने आते हैं.

इत्र की मिलती खुशबूयह तिल की पट्टी को दो प्रकार से तैयार की जाती है. एक गुलाब की पट्टी और दूसरी मेवा की. गुलाब की पट्टी में गुलाब के फूल की पत्तियों का प्रयोग होता है और मेवा तिल वाली पट्टी में केवड़ा इत्र, किशमिश और गरी का प्रयोग होता है. गुलाब पट्टी 80 रुपये किलो और मेवा पट्टी 100 किलो की मिलती है.

क्या बोले दुकानदारदुकानदार सक्षम वैश्य बताते हैं कि सावन महीने में हमारे यहां विशेष प्रकार की तिल की पट्टी की दो वैरायटी बनाई जाती है. जो साल में मात्र 2 महीने ही बनती और बिकती है. इसमें गुलाब तिल की पट्टी और मेवा की पट्टी रहती है. सावन माह में एक त्यौहार आता है तीज, जिसमें इस पट्टी का प्रयोग मिठाई के स्थान पर किया जाता है. बहुत दूर से लोग यहां पर पट्टी लेने आते हैं. सावन के महीने में विश्व प्रसिद्ध बाबा गौरी शंकर मंदिर में बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और दर्शन करने के बाद यहां से पट्टी खरीद कर ले जाते हैं.
Tags: Kannauj news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 17:08 IST

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