रिपोर्ट – निखिल त्यागीसहारनपुर. साइबर अपराध के मामलों में हर रोज वृद्धि होती जा रही है. सरकार, बैंक और पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को साइबर ठगों से सतर्क रहने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. उसके बाद भी लोग जागरुकता के अभाव में साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उनका शिकार बन रहे हैं.
सहारनपुर पुलिस की माने तो इस तरह की 5 से 10 शिकायतें साइबक क्राइम की प्रतिदिन पुलिस के पास आती हैं. इन शिकायतों को लेकर पुलिस विभाग भी सक्रिय होकर काम कर रहा है. ऐसा नहीं है कि ये अपराधी पुलिस की पकड़ में नहीं आते, पकड़ में आने पर इनके खिलाफ कई बार पुख्ता सबूत नहीं मिल पाते तो साइबर अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बच कर निकल जाते हैं.
दरअसल साइबर क्राइम करने वाले अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी बिजली अधिकारी बनकर कॉल करके व्यक्ति की बैंक अकाउंट से संबंधित पर्सनल जानकारी लेकर उसके खाते थे रकम उड़ा देते हैं.
1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत करेंपुलिस विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में सीओ साइबर क्राइम तेजेंद्र सिंह ने साइबर के माध्यम से होने वाली ठगी से बचने के विषय में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लोगों में साइबर अपराध के विषय में जागरुकता का अभाव है, जिसके कारण साइबर अपराधी लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेते हैं. उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो तुरंत टोल फ्री 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराए और यदि किन्ही कारणों से टोल फ्री नम्बर पर कॉल नहीं लगती तो वेबसाइट cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराए.उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के प्रतिदिन 5 से 10 मामले सामने आ रहे हैं.
बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगासाइबर क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर पंकज त्रिपाठी ने बताया कि आजकल साइबर अपराधियों ने ठगी करने का नया तरीका ईजाद किया है. नए तरीके के अंतर्गत साइबर अपराधी लोगों को फोन कर कहते हैं कि बिजलीघर से अधिकारी बोल रहा हूं. आपने बिजली का बिल जमा नहीं किया है, इसलिए ठग व्यक्ति को कनेक्शन काट दिए जाने की बात करते हैं. जिससे उपभोक्ता उनके झांसे में आकर अपराधियों द्वारा दी गयी फर्जी वेबसाइट के लिंक पर जाकर पैसा जमा कर देते हैं.पूरा डाटा भी कर लेते हैं चोरीसाइबर अपराधी उक्त व्यक्ति से एप डाउनलोड कराकर उसके मोबाइल फोन से पूरा डाटा भी चोरी कर लेते हैं. फिर फ़ोन से मिले फोटो या वीडियो को एडिट कर उक्त व्यक्ति ब्लैकमेल करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि सहारनपुर मण्डल में पिछले दो वर्षों में पुलिस ने साइबर अपराध के 22 मामले दर्ज किए हैं. जिनमे से कई मामलों में पुलिस से सफलता प्राप्त कर साइबर ठगी का शिकार हुए कई लोगों के करीब 40 लाख रुपये वापस कराए हैं.
लोन का झांसा देकर करते हैं ठगीइंस्पेक्टर पंकज त्रिपाठी ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी का शिकार कर रहे हैं. साइबर ठग फ़ोन करके व्यक्ति से आधार, कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पर्सनल दस्तावेज ऑनलाइन ले लेते हैं. इसके बाद फ़ोन नम्बर पर ओटीपी भेजकर उक्त व्यक्ति को विश्वास में लेकर बैंक खाते का एप डाउनलोड करा लेते हैं. एप्प डाउनलोड होते ही व्यक्ति का पूरा डेटा चोरी कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी उक्त व्यक्ति पर विश्वास जमाने के लिए 10 हजार रुपये तक लोन उसके बैंक खाते में उपलब्ध करा देते हैं. उसके बाद ठग अपने जाल में फसें व्यक्ति के फोन से चोरी किये गए डाटा में से फोटो व वीडियो को एडिट कर उसे ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठते है.साइबर ठगी का शिकार हुई महिला की आपबीतीशहर निवासी श्रीमती निशि जैन साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर ठगी का शिकार हो चुकी हैं. निशि जैन ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आई. जिसमें बात करने वाले व्यक्ति ने उन्हें उनका बिजली का बिल अपडेट करने की बात करके अपने जाल में फंसा लिया और एक ऐप उनके मोबाइल मे डाउनलोड करवा दिया. एप्प डाउनलोड होने से निशि जैन का मोबाइल हैक कर ओटीपी बिना मांगे ही चला गया. उक्त साइबर अपराधी ने फोन के माध्यम से निशी जैन के अकाउंट से 20 हजार रुपये की ट्रांजैक्शन किसी अन्य खाते में कर ली.
इसकी जानकारी होते ही निशी जैन ने तुरंत ही साइबर क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. निशि जैन ने बताया कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की, जिसके कारण कुछ दिनों बाद ही उनका पैसा उनके खाते में वापस आ गया. उन्होंने सरकार द्वारा बनाए गए क्राइम ब्रांच विभाग के कार्यों की खुले दिल से प्रशंसा की.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Cyber Crime, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : December 26, 2022, 16:44 IST
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