सृजित अवस्थी/पीलीभीत. देश और प्रदेश में बढ़ती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए सायबर टीम अक्सर जागरुकता अभियान चलाती रहती है. समय समय पर फोन कॉल और कैंप लगाकर संदेश भेजा जाता रहता है. लेकिन साइबर क्राइम के मास्टर माइंड किसी ना किसी तरह लोगों को अपना शिकार बना ही लेते हैं.
साइबर ठग कभी खुद को किसी बैंक का मैनेजर तो किसी कंपनी का बड़ा अधिकारी बताकर अपने झांसे में लेकर आपसे पैसे ऐंठने में कामयाबी हासिल कर लेते हैं. ताजा मामला पीलीभीत का है. जहां साइबर ठगों ने अधिवक्ताओं को ही अपनी ठगी का शिकार बना लिया,जानें पूरा मामला इस रिपोर्ट में.
जानिए कैसे शिकार बना अधिवक्ता?NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह ने बताया कि, उनके पास एक फोन कॉल आया था. फोन कॉल करने वाले ने खुद को बंदी रक्षक बताते हुए कहा कि, उनकी जेल में बंद मुवक्किल को गिरने से एक गंभीर चोट आई है और वह जिला अस्पताल में भर्ती है, उसे ब्लड की आवश्यकता है. जिसके लिए उसे कुछ धनराशि की आवश्यकता है.
अधिवक्ता ने ठग की बात पर यकीन करते हुए उसे 3420/- रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपने मुवक्किल के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए उन्हीं नंबरों पर फोन मिलाया तो नंबर बंद आए. संशय होने पर जब उन्होंने जेल अधीक्षक को फोन किया तो उन्हें जानकारी मिली कि जेल में तो किसी कैदी के चोट लगी ही नहीं है. तब जाकर कहीं अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ. अब उन्होंने पूरे मामले की शिकायत जिले के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. से की है.
कार्रवाई में जुटा प्रशासनपूरे मामले पर जानकारी देते हुए प्रभारी जेल अधीक्षक संजय राय ने बताया कि, अधिवक्ता का फोन आने पर उन्होंने ठगी की घटना की जानकारी मिली है. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी एसपी और उच्च अधिकारियों से की है. जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Cyber Crime, Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 08, 2022, 15:33 IST
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