रिपोर्ट – निखिल त्यागीसहारनपुर: वुड कार्विंग के लिए प्रसिद्ध सहारनपुर में उत्तर प्रदेश सरकार का हस्तशिल्प विपणन निगम नाम से एक सीजनिंग प्लांट वर्षों से काम कर रहा है. उक्त प्लांट को सरकार द्वारा उद्यमियों को लीज पर दिया जाता है. सीजनिंग प्लांट में सरकार द्वारा तकनीक के लिहाज से मशीनें लगाई गई हैं. साथ ही इसका भी ख्याल रखा गया है कि इस प्लांट से कोई प्रदूषण न फैले. प्लांट में मशीनों से लकड़ी को स्टीम, ट्रीटमेंट आदि से एक्सपोर्ट के लिए तैयार किया जाता है. लकड़ी को तैयार करने की लागत का मूल्य सरकार द्वारा ही तय किया गया है. जबकि प्लांट का मेंटिनेंस खर्च, कारीगर व मजदूरों का खर्च, बिजली का बिल आदि सभी प्रकार के व्यय लीज पर लेने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी है.
दूसरी ओर सीजनिंग प्लांट में अपनी लकड़ी को एक्सपोर्ट के लिए तैयार करने वाले व्यापारी इस समय बड़ी दुविधा मे है. वैश्विक बाजार वर्तमान मे मंदी के दौर से गुजर रहा है. जिससे व्यापारियों के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया है. विदेश के जिन देशों से सीजनिंग प्लांट को इंपोर्ट करने के लिए ऑर्डर आते हैं. वहां से व्यापारियों को पहले की अपेक्षा बहुत कम आर्डर मिल रहे है. जिससे यह व्यापार अब उद्यमियों के लिए घाटे का सौदा बनता जा रहा है.
उद्यमियों को हो रहा है घाटाउत्तर प्रदेश हस्तशिल्प विपणन निगम के सीजनिंग प्लांट को चलाने वाले तंजीम नवाज ने बताया कि प्लांट में व्यापारियों द्वारा लकड़ी को तैयार कराया जाता है. जिसके बाद उक्त लकड़ी उत्पाद को एक्सपोर्ट किया जाता है. लेकिन वर्तमान मे उद्यमियों को विदेशों से ऑर्डर कम मिलने से जहां व्यापारियों को मंदी के दौर से गुजरना पड़ रहा है, वहीं प्लांट में भी कम काम मिलने से उसको चलाना मुश्किल हो रहा है. तंजीम नवाज ने बताया कि कम काम पर भी प्लांट का बिजली बिल व कारीगर तथा मजदूरों का खर्च ज्यों का त्यों बना हुआ है.
8 साल के लिए लीज पर दिया गयाउद्यमी तंजीम नवाज ने बताया कि गुड सीजनिंग प्लांट सरकार द्वारा 8 साल के लिए लीज पर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस प्लांट को चलाने के लिए सरकार हम से प्रतिवर्ष करीब 28 लाख रुपए वसूल करेगी. जबकि वर्तमान मे मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापार मे इस सीजनिंग प्लांट को चलाना मुश्किल हो गया है.
अवैध रूप से चल रहे हैं सीजनिंग प्लांटतंजीम नवाज ने बताया कि उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प वितरण निगम का यह सीजनिंग प्लांट प्रदेश में एकमात्र सहारनपुर मे स्थित है. लेकिन जनपद मे अन्य कई जगह पर छोटे-छोटे सीजनिंग प्लांट अवैध रूप से चल रहे हैं. जिसका खामियाजा इस सीजनिंग प्लांट को चलाने वाले उद्यमी पर पड़ना स्वाभाविक है. इसका मुख्य कारण यह है कि अवैध रूप से चल रहे सीजनिंग प्लांट की वजह से सरकार का यह प्लांट घाटे में जा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि शहर मे अवैध रूप से चल रहे सीजनिंग प्लांट के विरुद्ध नियमानुसार एक्शन लिया जाए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: UP newsFIRST PUBLISHED : December 15, 2022, 08:32 IST
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