Saharanpur News: तीन राज्यों से घिरा सहारनपुर जिला विभिन्न धार्मिक स्थलों से अपनी एक अलग पहचान रखता है. सहारनपुर में जहां एक तरफ मां शाकंभरी देवी सिद्धपीठ है तो वहीं दूसरी और मां बाला सुंदरी मंदिर. लेकिन अब सहारनपुर को एक ऐसे मंदिर की सौगात मिलने जा रही है जो कि विश्व प्रसिद्ध होगा.
इस मंदिर का निर्माण कार्य सहारनपुर जनपद के एक छोटे से गांव बीतिया NH-344 पर शुरू हो चुका है. मंदिर को बनाने के लिए बाबा हीरा नाथ ने चिलचिलाती गर्मी में 41 दिन चारों ओर आग के धूणे जलाकर कड़ी तपस्या की थी. मंदिर में संगमरमर पत्थर से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. संगमरमर पत्थर पर नागर शैली की खूबसूरत डिजाइन की जा रही है.
250 करोड़ की लागत में होगा तैयार इस मंदिर को बनाने की लागत लगभग 250 करोड़ बताई गई है. जो की 8 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. सबसे पहले मंदिर के बीच के गर्भ ग्रह को तैयार किया जाएगा. मंदिर को बनाने का मकसद 1323 ई० में राजा देवपाल गुर्जर के द्वारा मध्य प्रदेश के मुरैना में चौसठ योगिनी माताओं का मंदिर बनवाया था जिसको मुगल आक्रांता औरंगजेब के द्वारा खंडित किया गया था. पूरे भारत में 4 चौसठ योगिनी मंदिर है, जिनमे से दो ओडिशा और दो मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित हैं. सभी मंदिर खंडित है और उनको एएसआई के द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किया गया है. सैकड़ों साल के बाद अब सहारनपुर जनपद में चौसठ योगिनी मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है जो कि पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखेगा.
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चौसठ योगिनी मंदिर की खासियतसहारनपुर में बनने जा रहा मंदिर श्री 9 नाथ, 84 सिद्ध, चौसठ योगिनी, 10 महाविद्याओं, 9 दुर्गे, अष्ठ भैरव, 12 ज्योतिर्लिंग एक साथ इस मंदिर में स्थापित होंगे. मंदिर का आकार पुराने संसद की तरह लिया गया है. मंदिर को बनाने में 5 से 8 साल का समय लगेगा. यह मंदिर भारत ही नहीं दुनिया में एकमात्र ऐसा मंदिर होगा जिसमे चौसठ योगिनी माताओं का वास होगा. मंदिर को बनाने के लिए लगभग 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे. मंदिर का निर्माण कार्य संगमरमर पत्थर से किया जा रहा है.
Tags: Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 14:36 IST