Last Updated:January 20, 2025, 12:11 ISTSaharanpur News: कई क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने फांसी की सजा सुनाई. यूपी में एक पीपल का पेड़ ऐसा है जहां कई क्रांतिकारियों को लटकाया गया था.X
आजादी के लिए उठे क्रांतिकारियों को पीपल के पेड़ पर दी जाती थी फांसीSaharanpur News: स्वतंत्रता संग्राम की गवाही सहारनपुर की धरती भी रही है. यहां भी क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल बजाया था. आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को यहां पीपल के वृक्ष पर फांसी दी जाती थी. सहारनपुर के हलवाई अट्टा के निकट पुरानी कोतवाली के पास लोहा बाजार में स्थित है. यहां पर एक पुराना पीपल का वृक्ष हुआ करता था, जो 1857 की क्रांति का प्रतीक स्थल है.
वहां पर 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों के द्वारा जो भी क्रांतिकारी हुआ करती थी. पीपल के पेड़ पर फांसी पर लटका दिया जाता था. 1857 क्रांति के समय अंग्रेज जिन क्रांतिकारियों को उस पेड़ पर फांसी दिया करते थे, उनके शवों को कई-कई दिनों तक वहीं पर लटके रहने दिया करते थे.
फांसी देने वाला पीपल का पेड़ जब तक उन शवों से दुर्गंध न आने लगे तब तक शव पेड़ पर ही लटके रहते थे. उस पेड़ के स्थान पर आज वहां पर एक स्मारक बनाया गया है. पीपल का वृक्ष गिर चुका है. लेकिन उसके स्थान पर बड़ का वृक्ष स्थित है. शहीदी दिवस पर वहां पर प्रत्येक वर्ष और 15 का 26 जनवरी को आयोजन किए जाते हैं जिसमें शहीदों को सलामी और श्रद्धांजलि दी जाती है.
साहित्यकार डॉक्टर वीरेंद्र आजम ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह शहीद स्मारक सहारनपुर के हलवाई अट्टा के निकट पुरानी कोतवाली के पास लोहा बाजार में स्थित है. यहां पर एक पुराना पीपल का वृक्ष हुआ करता था. वह 1857 की क्रांति का प्रतीक स्थल है. पर 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों के द्वारा जो भी क्रांतिकारी हुआ करते थे. उनको पीपल के पेड़ पर फांसी पर लटका दिया जाता था.
26 जनवरी जैसे मौके पर यहां आयोजन किए जाते हैं जिसमें शहीदों को सलामी और श्रद्धांजलि दी जाती है.
Location :Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :January 20, 2025, 12:11 ISThomeuttar-pradeshफांसी देने वाला पीपल का पेड़! यहां कई क्रांतिकारियों को लटकाया गया