Safed Baradari: नवाबों ने कभी मातम के लिए बनाई थी यह खूबसूरत इमारत! आज गूंजती है ‘शहनाई’; जानें इतिहास

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Safed Baradari: नवाबों ने कभी मातम के लिए बनाई थी यह खूबसूरत इमारत! आज गूंजती है 'शहनाई'; जानें इतिहास



रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित ‘सफेद बारादरी’ को नवाब वाजिद अली शाह ने 1840 के 1856 बीच बनवाया था. इसके बारे में कहा जाता है कि इसे उन्‍होंने मातम मनाने के लिए बनवाया था, लेकिन आज यहां पर शाही शादियों की शहनाई गूंजती है और लोग सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाते हैं. साथ ही अब यहां कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाता है. आइए जानिए क्या है सफेद बारादरी का दिलचस्प इतिहास?

अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने कैसरबाग पैलेस को बसाया था. सफेद बारादरी उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसका सफेद संगमरमर के पत्थरों से निर्माण कराया था. इसके बारे में कई बातें कही जाती हैं. कुछ इतिहासकार कहते हैं कि इसे मातम मनाने के लिए बनाया गया था, तो कुछ कहते हैं कि नवाब वाजिद अली शाह यहां पर नृत्य देखा करते थे.वहीं, कुछ का यह भी कहना है कि इसे मेहमाननवाजी के लिए बनवाया गया था. वहीं इस सफेद बारादरी का 1857 की आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यहां पर बेगम हजरत महल, जो नवाब वाजिद अली शाह की बेगम थीं. उन्होंने सफेद बारादरी के तहखानों में अनाज के भंडार बनाए थे. इतिहासकार रवि भट्ट ने बताया कि यह एक इमामबाड़ा है जिसे मातम के लिए बनाया गया था. 1857 की क्रांति के दौरान कुछ राजाओं ने अंग्रेजों का साथ दिया था. जब अंग्रेजों ने नवाब वाजिद अली शाह को गद्दी से उतार कर पूरे लखनऊ पर कब्जा कर लिया था, तो अंग्रेजों ने ही उन राजाओं को सफेद बारादरी दे दी थी. इसके बाद एक संगठन का निर्माण किया गया था जिसे ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन ऑफ अवध कहते हैं. इसे अंजुम-ए-हिंद भी कहते हैं. एक प्राइवेट संस्था के हाथों में इसकी देख रेख चले जाने के बाद से यहां पर शादी समारोह और प्रदर्शनी का आयोजन होने लगा.

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ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन के सहायक सचिव स्वरेश्वर बलि ने बताया कि इसे भारतवर्षीय सभा कहते हैं.उर्दू में इसे अंजुम-ए-हिंद और इंग्लिश में ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन कहते हैं. यह प्राइवेट संस्था है. इसे अवध के तालुकदार चलाते हैं और वही इसके अध्यक्ष होते हैं.वर्तमान में इसके अध्यक्ष राजा आनंद सिंह हैं. यहां पर शादी समारोह होते हैं. यहां 12 दरवाजे हैं, इसलिए इसे बारादरी कहते हैं. पहले यह पूरी तरह से खुली हुई थी, लेकिन बाद में इसमें दरवाजे लगाए गए. पहले इसकी छत भी लकड़ी की थी, जिसे बाद में इसे सही किया गया है.

शाही शादियों की शान है बारादरीइसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मों के लोग शादियां करते हैं. यहां पर जो शादियां होती हैं, वह सफेद बारादरी की सजावट उसकी भव्यता की वजह से शाही ही नजर आती हैं.खास बात यह है कि सफेद बारादरी को शादी के लिए बुक करना ज्यादा महंगा नहीं है. करीब एक से दो लाख के अंदर ही इसे बुक किया जा सकता है.

बॉलीवुड शूटिंग की पसंदीदा जगहसफेद बारादरी में कई बॉलीवुड फिल्मों की भी शूटिंग हो चुकी है. मसलन बुलेट राजा, तनु वेड्स मनु, इशकजादे, गदर और उमराव जान. लखनऊ में जब भी कोई फिल्म की शूटिंग होती है, तो इसे शूटिंग के लिए जरूर लिया जाता है.25 फीट से भी ऊंची है छतसफेद बारादरी की खूबसूरती इतनी है कि यहां आने वाले हैरान हो जाते हैं. हजरतगंज से जब आप कैसरबाग की ओर बढ़ने लग जाते हैं, तो बीच में ही यह पड़ती है. सफेद रंग के पत्थरों से बनी हुई सफेद बारादरी में जब आप प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले नवाब वाजिद अली शाह और उनकी बेगम हजरत महल की पेंटिंग देखने को मिलती है. अंदर के हॉल बहुत बड़े और भव्य हैं जिनकी छत करीब 25 फीट से ऊंची है. इसमें छत पर जाने का भी रास्ता है जहां से पूरे लखनऊ का दीदार आप कर सकते हैं. इसमें अवध के दूसरे नवाबों की भी पेंटिंग हैं. इसके अलावा राजा मान सिंह बहादुर समेत दूसरे राजाओं की मूर्तियां भी बनी हुई हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Bollywood news, Lucknow city facts, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 17:26 IST



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