शाश्वत सिंह/झांसी : सड़क हादसों की बढ़ती संख्या देश के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है. बीते कुछ सालों में देश में सड़क हादसों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार भारत में साल 2022 में कुल 4 लाख 61 हजार से ज्यादा सड़क हादसा हुआ था. जिनमें 1 लाख 68 हजार लोगों की मौत हो गई. हर घंटे के हिसाब के हिसाब से देखा जाए तो 53 सड़क दुर्घटनाएं हर घंटे होती और इनमें से 19 लोगों की मौत हो जाती है .
ऐसे में सड़क हादसे के बाद यदि किसी आदमी को समय पर मदद मिल जाए तो घायलों की जान बचाई जा सकती है. इस समय को मेडिकल की भाषा में गोल्डेन ऑवर कहा जाता है . सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के लिए झांसी के श्याम सुंदर शर्मा किसी देवदूत से काम नहीं है. अपनी 70 बरस की जिंदगी में श्याम सुंदर ने अनेकों लोगों की जान बचाई है. उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचा कर मुफ्त इलाज करवाया है.
इस घटना से बदली जिंदगीश्याम सुंदर ने बताया कि सन 1985 में जब वह टेंपो चलाते थे. एक बार उन्होंने हाईवे से गुजरते वक्त सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक व्यक्ति को तड़पते देखा. आसपास गुजरने वाली गाड़ियां रुक नहीं रही थी. इसके बाद श्याम सुंदर ने अपने एक दोस्त की मदद से उस व्यक्ति को टेंपो में बैठाया और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में लेकर आए. उस व्यक्ति की जान बच गई. इसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज तक जारी है. अनेकों घरों के चिरागों को बुझने से बचाने का काम श्याम सुंदर कर चुके हैं.
लापरवाही से होते हैं हादसेश्याम सुंदर कहते हैं कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती हैं. लोग शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं और अपने साथ-साथ अन्य लोगों की भी जान को खतरे में डाल देते हैं. उन्होंने अक्सर देखा है कि जो व्यक्ति शराब पीता है वह तो बच जाता है लेकिन उसके साथ गाड़ी में बैठे लोग जान से हाथ धो बैठते हैं. इसी तरह हेलमेट लगाकर ना चलने वाले लोग भी पूरे परिवार के दुख का कारण बन जाते हैं.
.Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 13, 2024, 21:26 IST
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