Pollution Free Air For A Month: पिछले कई दशकों में हमने प्रदूषण के दुष्प्रभाव के बुरे असर को महसूस किया. दिल्ली समेत भारत के कई शहरों की हवा खराब हो चुकी है, इन महानगरों में रहने का मतलब है कि अपने लंग्स को नुकसान पहुंचाना. कई रिसर्च में ये बताया गया है कि पॉल्यूटेड शहरों में रहने की वजह से कई लोगों की लाइफ कम होती जा रही है. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि अगर एक महीने तक साफ हवा में सांस लेंगे तो इससे सेहत पर कैसा असर होगा. आइए जानते हैं.
कोरोना काल में साफ हुई थी हवा
आपको याद होगा कि साल 2020 और 2021 में जब कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा था तब सड़कों पर ज्यादा गाड़ियां नहीं चलीं, ज्यादा हवाई जहाज नहीं उड़े, कई फैक्ट्रीज बंद थी. इस दौरान हवा काफी हद तक साफ हो गई थी, दूर की बिल्डिंग्स या पहाड़ नजर आने लगे थे, लेकिन अब ये हालात दोबारा आए ऐसा शायद मुमकिन न हो, इसलिए आपको साफ हवा पाने के लिए कुछ और करना होगा.
आप पहाड़ों का करें रुख
अगर आपको साफ हवा में सांस लेना है तो एक महीने के लिए पहाड़ों के बीच चले जाएं, जहां प्रदूषण न के बराबर हो. जहां मोटर गाड़ियां न चलती हों और वहां कोई फैक्ट्री भी न हो. ऐसे इलाके सेहत के लिहाज से परफेक्ट होते हैं.
एक महीने तक प्रदूषण फ्री एरिया में रहने के फायदे
1. इन अंगों को होगा लाभ
एक महीने के लिए पॉल्यूशन फ्री हवा में सांस लेने से ये मुमकिन है कि आपके फेफड़े और हार्ट की सेहत में सुधार आ जाए. इससे आपके लंग्स के फंक्शन में सुधार आएगा, हो सकता है कि हेवी वर्क के दौरान जो स्टेमिना चाहिए वो बेहतर होगा. इसके अलावा दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा.
2. मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद
इसके साथ ही, प्रदूषण के कारण होने वाली ध्वनि और वायुमंडलीय प्रदूषण की कमी से भी बदलाव आ सकता है. साउंड पॉल्यूशन की कमी के कारण आपका मेंटल हेल्थ भी बेहतर हो जाएगा. आप शहरों के मुकाबले पहाड़ों में ज्यादा राहत महसूस करेंगे.
(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)