रवि शास्त्री ने दिया बड़ा बयान, ‘इस ट्रॉफी के बिना रीढ़हीन हो जाएगा भारतीय क्रिकेट’

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नई दिल्ली: क्रिकेट में सभी टूर्नामेंट महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने शुक्रवार को उस ट्रॉफी का नाम बताया है, जिसको ना करवाने से क्रिकेट रीढ़हीन हो सकता है. टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल पूरा हो चुका है. आइए जानते हैं, शास्त्री ने किस ट्रॉफी के बारे में ऐसा कहा है. 
शास्त्री ने दिया बड़ा बयान 
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने शुक्रवार को कहा कि रणजी ट्रॉफी की उपेक्षा करने पर भारतीय क्रिकेट ‘रीढ़हीन’ हो जाएगा. शास्त्री ने यह बयान रणजी ट्रॉफी अगले महीने से दो चरण में कराने की बीसीसीआई की घोषणा से कुछ समय पहले ही दिया. रणजी ट्रॉफी 13 जनवरी से खेली जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी की तीसरी लहर के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया था. शास्त्री ने ट्वीट किया,  ‘ रणजी ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट की रीढ है. इसकी उपेक्षा करने पर आप रीढहीन हो जाएंगे.’
 
The Ranji Trophy is the backbone of Indian cricket. The moment you start ignoring it our cricket SPINELESS!
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) January 28, 2022
दो चरणों में होगा रणजी ट्रॉफी का आयोजन 
रवि शास्त्री के ट्वीट के एक घंटे बाद ही बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक बयान में टूर्नामेंट के दो चरण में आयोजन की पुष्टि की. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक बयान में कहा, ‘बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी का आयोजन दो चरण में करने का फैसला किया है. पहले चरण में लीग स्तर के मैच होंगे और नॉकआउट जून में खेले जाएंगे.’ समझा जाता है कि 38 टीमों का टूर्नामेंट फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू होकर एक महीने तक चलेगा. 
दो ही टूर्नामेंट करा पाया था बीसीसीआई 
बीसीसीआई दो चरण में रणजी ट्रॉफी का आयोजन करेगा. इसकी वजह यह है कि 27 मार्च से आईपीएल शुरू हो रहा है और ऐसे में एक बार में रणजी ट्रॉफी करा पाना संभव नहीं है. बैठक में बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह भी मौजूद थे. बोर्ड की योजना रणजी टृॉफी का पहला सत्र फरवरी से मार्च और दूसरा सत्र जून जुलाई में कराने की है. महामारी के कारण पिछले सत्र में बीसीसीआई पुरूषों के सिर्फ दो सीमित ओवरों के टूर्नामेंट (विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी) करा पाया था. बीसीसीआई ने पिछले सत्र में रणजी ट्रॉफी नहीं होने पर सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को मैच फीस का 50 फीसदी भुगतान किया था. 



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