बरेली: रूस और यूक्रेन (russia ukraine News) के बीच जारी तनाव का असर भारतीय स्टूडेंट्स पर भी पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के बरेली और रामपुर के लगभग 20 एमबीबीएस स्टूडेंट्स रूस के साथ सीमा तनाव के बाद यूक्रेन से भारत वापस आने का प्रयास कर रहे हैं. परिवार के सदस्यों के अनुसार, वे चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें वहां से निकाल ले. बता दें कि वर्तमान में बरेली के करीब 50 स्टूडेंट्स यूक्रेन में पढ़ रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रामपुर के सुभान अहमद यूक्रेन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका परिवार अजीमनगर थाना क्षेत्र के खेड़ा टांडा का रहने वाला है. बुधवार को सुभान के पिता जलीस अहमद ने कहा, ‘मेरा बेटा उज़होरोड में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. वहां के छात्रों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है. उड़ान सेवाएं बहुत अधिक किराए की मांग कर रही हैं, जिसे वहन करना हमारे लिए मुश्किल है. हमने सुभान से फोन पर बात की थी. उसकी आवाज से हमें थोड़ी राहत मिली.’
छात्र मुख्य रूप से बिथरी चैनपुर, बरेली, बहेड़ी, फतेहगंज पश्चिम और रामपुर के रहने वाले हैं. यूक्रेन में एक अन्य छात्र हर्ष ने अपने माता-पिता से कहा कि वे ईमेल और फोन कॉल के माध्यम से दूतावास के नियमित संपर्क में हैं और अगर कुछ होता है तो उन्हें वहां से इवैक्यूट करा लिया जाएगा. अन्य यूक्रेनी कॉलेजों की तरह ZSMU में भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं और अन्य पाठ्यक्रमों में भी नामांकित हैं. छात्रों के परिवारों ने भी भारत सरकार से अपील की है कि यूक्रेन में जमीनी हालात में बदलाव होने पर उनके बच्चों को एयरलिफ्ट किया जाए. कीव में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीय छात्रों से ‘राजधानी शहर को अस्थायी रूप से छोड़ने’ का आग्रह किया था.
रूस-यूक्रेन संघर्ष की मूल वजह क्या है?यूक्रेन, रूस का एक पड़ोसी देश है, जिसका क्षेत्रफल 603,628 वर्ग किलोमीटर है, जो रूस और यूरोप के बीच स्थित है. यह 1991 तक सोवियत संघ का ही हिस्सा था, लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद यूक्रेन एक अलग देश बन गया, जिसकी अर्थव्यवस्था तुलनात्मक तौर पर सुस्त रही है और यूक्रेन की विदेश नीति कहने के लिए पूरी तरह से लोकतांत्रिक और संप्रभु है. लेकिन अमेरिका और नाटो देश का प्रभाव दिखाई देता रहा है और यूक्रेन के साथ रूस के विवाद की सबसे बड़ी वजह यही रही है कि आखिर यूरोपीय देश यूक्रेन के इतने करीबी क्यों हैं? नवंबर 2013 में यूक्रेन की राजधानी कीव में यूरोपीय संघ के साथ अधिक से अधिक आर्थिक एकीकरण की योजना को रद्द करने के यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
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