rohit sharma will have to be done everything says sanjay manjrekar on his current form mumbai indians | Rohit Sharma: ‘3-4 साल पहले वाले रोहित नहीं…’, हिटमैन को लेकर पूर्व बल्लेबाज ने दे दिया ऐसा बयान

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rohit sharma will have to be done everything says sanjay manjrekar on his current form mumbai indians | Rohit Sharma: '3-4 साल पहले वाले रोहित नहीं...', हिटमैन को लेकर पूर्व बल्लेबाज ने दे दिया ऐसा बयान



Rohit Sharma: भारतीय कप्तान और मुंबई इंडियंस के अनुभवी बल्लेबाज रोहित शर्मा के लिए आईपीएल 2025 की शुरुआत अच्छी नहीं रही, क्योंकि अब तक खेले दो मैचों में वह दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं. इस बीच पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा के मौजूदा फॉर्म की गंभीर तस्वीर पेश करते हुए कहा कि इस सीनियर बल्लेबाज के हाथ से चीजें फिसलती जा रही हैं जो अपने करियर के उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां उन्हें हर सुबह अपना सब कुछ झोंकना होगा.
फ्लॉप रहे रोहित शर्मा
मुंबई इंडियन्स का यह स्टार बल्लेबाज मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती दो मैच में फ्लॉप रहा और शनिवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ टीम के पिछले मैच में 8 रन ही बना पाया. मांजरेकर ने ‘जियोस्टार’ से कहा, ‘रोहित शर्मा स्पष्ट रूप से एक दौर से गुजर रहे हैं. वे तीन-चार साल पहले वाले रोहित शर्मा नहीं हैं. वे अपने करियर के उस पड़ाव पर हैं, जहां उन्हें हर सुबह अपना सब कुछ झोंकना होगा. कड़ी ट्रेनिंग करनी होगी और अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर होना होता है क्योंकि चीजें उनके हाथ से फिसल रही हैं. वह अब भी अपनी नैचुरल टैलेंट पर भरोसा कर रहे हैं.’
रिकेल्टन पर भी दिया बयान
मुंबई इंडियन्स को गुजरात टाइटंस के खिलाफ 36 रन से हार का सामना करना पड़ा. पिछले दो मैच में बल्ले से मुंबई इंडियन्स के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हुए मांजरेकर ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी होने के कारण रेयान रिकेल्टन को भारतीय पिचों पर ढलने में समय लगेगा. एबी डिविलियर्स और हेनरिक क्लासेन को छोड़कर बहुत कम दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भारतीय पिचों पर शानदार सफलता हासिल की है इसलिए हमें उन्हें समय देना होगा.’
बाकी बल्लेबाजों को लेकर कही ये बात
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा तिलक वर्मा और सूर्यकुमार यादव, रोबिन मिंज और कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर बल्लेबाजी क्रम बनाते हैं. हालांकि, मुझे लगता है कि यह अब भी पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है और उनमें से बहुत से खिलाड़ी ऐसी पिचों पर निर्भर करते हैं जहां गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आती है.’ मांजरेकर ने कहा, ‘इसमें गति और उछाल है, और यहां तक कि उस लक्ष्य का पीछा करते हुए जहां उन्हें 12 या 13 रन प्रति ओवर चाहिए थे. अगर यह वानखेड़े स्टेडियम में होता तो वे लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच जाते.’



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