IND vs AUS Border Gavaskar Trophy 2024-25 : बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम ने प्रैक्टिस शुरू कर दी है. एमए चिदंबरम स्टेडियम में टीम ने पहले प्रैक्टिस सेशन के साथ अपने आगामी लंबे टेस्ट सीजन के लिए कमर कस ली है. विराट कोहली ने इस सेशन में करीब 45 मिनट तक बल्लेबाजी की, जबकि ऋषभ पंत भी प्रैक्टिस करते नजर आए जो 2022 के बाद से पहले बार इस फॉर्मेट में खेलते नजर आएंगे. बांग्लादेश के बाद भारत को न्यूजीलैंड से घर में टेस्ट सीरीज खेलनी है. हालांकि, टीम इंडिया का फोकस साल के अंत में होने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर है, जिसमें टीम को पिछली दो बार से जीत मिली है. इस विदेशी दौरे के लिए कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर ने प्लानिंग शुरू कर दी है.
इंग्लैंड सीरीज के बाद अब होगा टेस्ट
अगस्त के शुरुआती सप्ताह में आखिरी बार मैदान पर उतरी भारतीय टीम, बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए चेन्नई में ट्रेनिंग कैंप के लिए इकट्ठा हुई, जो अगले सप्ताह उसी मैदान पर शुरू होगी. इस साल मार्च में घरेलू मैदान पर इंग्लैंड को 4-1 से हराने के बाद यह भारत की पहली टेस्ट सीरीज भी होगी.
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काली-लाल मिट्टी की पिच पर हुआ अभ्यास
ट्रेनिंग सेशन की शुरुआत कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली द्वारा चुने गए गेंदबाजों का सामना करने से हुई, जिसमें दो अलग-अलग नेट्स में बल्लेबाजी शामिल थी. एक में काली मिट्टी थी, जिसे स्पिनरों का सामना करने और बांग्लादेश के खतरे का सामना करने के लिए तैयार किया गया था. भारत के पास नेट गेंदबाजों की अच्छी संख्या थी. तमिलनाडु के एस अजीत राम, एम सिद्धार्थ और पी विग्नेश जैसे बाएं हाथ के स्पिनर और तमिलनाडु के लक्ष्य जैन और मुंबई के हिमांशु सिंह जैसे ऑफ स्पिनर. दूसरे नेट में लाल मिट्टी थी, जहां जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज लाइन-अप में थे.
ऑस्ट्रेलिया दौरे की तयारी
भारत ने आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी के लिए यह रणनीति अपनाई है और यह रणनीति काफी हद तक वही रहने की संभावना है, क्योंकि रोहित और गंभीर का मेन फोकस दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बॉर्डर-गावस्कर सीरीज पर रहेगा.
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विदेशों दौरों पर ज्यादा फोकस
भारत ने विदेशी दौरों की तैयारी के लिए पिछले कुछ सालों में घरेलू मैदान पर तेज गेंदबाजी के अनुकूल परिस्थितियों का इस्तेमाल किया है. 2019 में जब बांग्लादेश ने आखिरी बार टेस्ट सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था, तब भारत ने भी ऐसी ही परिस्थितियां बनाई थीं. दो मैचों के लिए भारत की लाइन-अप में तीन तेज गेंदबाज शामिल थे, जिन्होंने 33 विकेट लिए और दो स्पिनर, जहां अश्विन ने 5 विकेट लिए और रवींद्र जडेजा विकेटलेस रहे.