Irfan Pathan Statement: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत को वर्ल्ड कप फाइनल में हारता देख सबकी आंखें नम थीं. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में 6 विकेट से इंडिया को हराया था. फैंस के लिए झटका इसलिए भी था, क्योंकि टीम इंडिया पूरे टूर्नामेंट में इससे पहले कोई मैच नहीं हारी थी. कप्तान रोहित शर्मा की आंखो में भी आंसू आ गए थे. अब भारत के बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने एक बयान दिया है. उन्होंने मैच के एक मोमेंट को सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बताया है.
ये था सबसे बड़ा गेम चेंजिंग मोमेंट इरफान पठान ने कहा, ‘यह कठिन था क्योंकि भारतीय टीम पीछे की ओर देख रही थी. वो जडेजा और सूर्यकुमार यादव से अंतिम ओवरों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगा रही थी. जब केएल राहुल आउट हुए तो मुझे लगता है कि यही वह समय था जब भारत स्कोर को आगे नहीं बढ़ा पाया.’ पठान ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘जब उन्हें पता चला कि कोई कवर नहीं है, कोई मिड-ऑफ नहीं है. वे अपने पैरों का थोड़ा और इस्तेमाल कर सकते थे और स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश कर सकते थे. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मौका दिया. यहां तक कि ट्रेविस हेड और मार्श ने भी गेंदबाजी की और भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया.’
ऑस्ट्रलिया ने अच्छी प्लानिंग की
इरफान पठान का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी प्लानिंग की जिसके चलते उन्हें खिताबी मैच में जीत मिली. इरफान ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने ऐसी पिच और स्थान पर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था, जहां शाम को ओस आएगी. यहां लक्ष्य का पीछा करना आसान हो जाएगा. उनके पास बेहतरीन फील्डर हैं, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. पठान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत एक बेहतर प्लानिंग के चलते मैच में हार गया. ऑस्ट्रेलिया एक बेहतर योजनाबद्ध टीम थी. टॉस से लेकर जिस तरह से उन्होंने प्लानिंग की, मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य टीम उस तरह की योजना के करीब पहुंच सकती है.’
राहुल ने बनाए थे सबसे ज्यादा रन
बता दें कि इस खिताबी जंग में भारत के लिए केएल राहुल ने सर्वाधिक 66 रन बनाए. हालांकि, उन्होंने 107 गेंदें खेलीं और केवल एक बार बाउंड्री लगाने में सफल रहे. इनके अलावा कोहली ने अर्धशतक जमाया जबकि रोहित 47 रन की तेज पारी खेलकर आउट हुए. इनके दम पर भारत 240 रन तक पहुंच सका. टारगेट का पीछा करते हुएऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड के 137 और मार्नस लाबुशेन के नाबाद 58 रनों की बदौलत 43 ओवर में जीत दर्ज कर ली. इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने अपना छठा विश्व कप खिताब जीता.