Road Accident in UP: योगी सरकार बचाएगी लाखों लोगों की जान, इस एक ट्रिक से घटेगा रोड एक्सीडेंट का ग्राफ

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Road Accident in UP: योगी सरकार बचाएगी लाखों लोगों की जान, इस एक ट्रिक से घटेगा रोड एक्सीडेंट का ग्राफ

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार रात में आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए पशुओं को ‘फ्लोरोसेंट स्ट्रिप्स (चमकीली पट्टी)’ से लैस करने की योजना बना रही है. अधिकारियों का कहना है कि जानवरों के फ्लोरोसेंट स्ट्रिप्स लगाने से एक्सीडेंट कम होंगे. रात के अंधेरे में वाहन चालक को दूर से चमकीली लाइट पड़ेगी, जिससे उन्हें जानवर की मूमेंट समझने में आसानी होगी, इससे एक्सीडेंट कम होंगे, साथ ही चालक और पशु दोनों के जान की सुरक्षा होगी.

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘फ्लोरोसेंट स्ट्रिप्स’ को आवारा पशुओं के सींग और गर्दन पर लगाया जाएगा. जब कोई वाहन आएगा तो उसकी लाइट सींग और गर्दन में लगी पट्टी पर पड़ेगी, जिससे रोशनी होगी और अंधेरे में पशु आसानी से दिखाई देंगे. जिसके चलते सड़कों पर इन पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी आएगी. पशुपालन विभाग के निदेशक पी एन सिंह ने बताया कि योजना अपने अंतिम चरण के करीब है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

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उन्होंने आगे बताया,‘‘पिछले दो हफ्तों से प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए संबंधित मंत्री के साथ भी शेयर किया गया है.’’ पशुपालन विभाग इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा. ‘फ्लोरोसेंट’ पट्टी का यह उपाय राज्य में अवारा पशुओं की समस्या से निपटने की बड़ी योजना का हिस्सा है.

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15 लाख आवारा पशु हैं, जिनमें से लगभग 12 लाख पशु आश्रयों में रखे गए हैं. बचे हुए तीन लाख आवारा पशुओं का सहभागिता योजना के तहत सीमांत परिवारों द्वारा आंशिक रूप से प्रबंधन किया जाता है. इन परिवारों को चारे के लिए प्रति पशु अधिकतम 1,500 रुपये हर माह मिलते हैं. एक परिवार अधिकतम चार मवेशियों के साथ योजना में भाग ले सकता है.

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विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या के लिए कई कारणों को जिम्मेदार मानते हैं. एक प्राथमिक कारण उचित पशुपालन प्रथाओं की कमी है, जिसके कारण पशुओं का अनियंत्रित प्रजनन और परित्याग होता है. इसके अतिरिक्त, गोहत्या पर पूर्ण पाबंदी समेत पशु वध के संबंध में सख्त सरकारी नियम को ऐसे कारकों के रूप में उद्धृत किया गया है, जिनके कारण किसान अपने मवेशियों को उनकी उत्पादक आयु के बाद छोड़ देते हैं.

आवारा पशुओं का मुद्दा एक राजनीतिक विषय भी बन गया है, जिसमें विपक्षी समाजवादी पार्टी अक्सर समस्या का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करती है. 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान इस मामले ने काफी तूल पकड़ा, खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक रैलियों में इस मुद्दे के बयान दिया.
Tags: Lucknow news, Road accident, UP newsFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 19:23 IST

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