रमिता जिंदल को मिली मायूसी, भारत के हाथ से निकला दूसरा मेडल जीतने का मौका| Hindi News

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रमिता जिंदल को मिली मायूसी, भारत के हाथ से निकला दूसरा मेडल जीतने का मौका| Hindi News



Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक से भारत के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. पेरिस ओलंपिक में भारत के हाथ से दूसरा मेडल जीतने का मौका निकल गया है. विमेंस 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में रमिता जिंदल को मायूसी मिली है. इस स्पर्धा में रमिता जिंदल मेडल जीतने से चूक गई हैं. रमिता जिंदल सातवीं पोजीशन पर रहीं. रमिता जिंदल ने कुल 145.3 अंक हासिल किए. 20 वर्ष की रमिता जिंदल ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 145.3 स्कोर किया. वह दस शॉट के बाद सातवें स्थान पर थी, जब एलिमिनेशन शुरू हुआ. इसके बाद उसने 10.5 का शॉट लगाकर छठा स्थान हासिल किया और नॉर्वे की हेग लीनेट डस्टाड बाहर हो गई. अगले शॉट पर रमिता बाहर हुई.
रमिता जिंदल ने दिया गर्व करने का मौका 
रमिता जिंदल ने इससे पहले कुल 631.5 अंक के साथ फाइनल में जगह पक्की की थी. वह इस ओलंपिक में पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर के बाद फाइनल में जगह पक्की करने वाली भारत की दूसरी निशानेबाज बनीं. 24 घंटे पहले ही भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर ने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था. मनु भाकर ने भारत को पेरिस ओलंपिक में पहला मेडल दिलाया था. मनु भाकर ने ब्रॉन्ज जीतकर इतिहास रचा था. वह शूटिंग में मेडल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थी.
कुरुक्षेत्र की रहने वाली हैं रमिता
20 साल की रमिता जिंदल हरियाणा के कुरुक्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं. रमिता जिंदल हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा ब्लॉक की रहने वाली हैं. रमिता के पिता अरविंद जिंदल कर सलाहकार (tax advisor) हैं. रमिता जिंदल अकाउंट्स की छात्रा हैं. रमिता जिंदल ने इससे पहले हांगझोऊ में हुए एशियन गेम्स में दो मेडल्स अपने नाम किए थे.  हांगझोउ एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता रमिता ने विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता मेहुली घोष और तिलोत्तमा सेन को घरेलू ट्रायल में हराकर पेरिस का टिकट कटाया था. 



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