भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अपने जमाने में लोकप्रिय किसान नेता के तौर पर पहचान बनाने वाले चौधरी चरण सिंह को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने के बाद पैदा हुई राजनैतिक हलचल जारी है. चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस ऐलान के बाद एनडीए में शामिल करने का फैसला किया है. इस पर भी सिसायत होने लगी है. हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के अध्ययक्ष राकेश सिंह टकैत ने चौधरी के फैसले पर बयान दिया है.
टिकैत ने कहा है कि चयंत चौधरी को एनडीए में अपनी पार्टी के शामिल होने के फैसले से पहले उन लोगों से चर्चा कर लेनी चाहिए थी जो तीन पीढ़ियों से उनसे जुड़े हैं. बागपत में संवाददाताओं से हुई बातचीत में टिकैत चौधरी के फैसला से दुखी दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा.
टिकैत ने कहा कि ‘राजनीति में दुश्मन कब दोस्त बन जाए, पता नहीं चलता. जयंत चौधरी की अपनी सोच है लेकिन उन्हें कम से कम उन लोगों से सलाह लेनी चाहिए थी जो तीन पीढ़ियों से उनके साथ हैं.’ टिकैत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे और वह भारत रत्न के हकदार थे.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का सम्मान मिलने पर उनके पोते और रालोद प्रमुख ने संकेत दिए हैं कि रालोद एनडीए में शामिल हो सकता है. (फाइल फोटो)
भारत रत्न सम्मान पर टिकैत ने कहा कि चरण सिंह को यह सम्मान पहले ही मिलना चाहिए था. किसानों ने पहले ही चौधरी चरण सिंह जी के लिए भारत रत्न की मांग की थी. लेकिन इसकाे बाद उन्होंने मांग कर डाली कि सरकार को अब किसानों की ज्वलंत समस्याओं का भी समाधान करना चाहिए.’ साथ ही टिकैत ने सरकार पर कम गन्ना मूल्य घोषित कर किसानों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया.
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जहां किसान आंदोलन में किसान भाजपा से दूर जाते दिख रहे थे चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर भाजपा ने एक तरह से मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. राकेश टिकैत किसान आंदोलन के समय से ही सरकार के खिलाफ खड़े थे. ऐसे में माना जा रहा था कि वे चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने का खुल कर स्वागत नहीं कर पाएंगे. लेकिन उनके सुर भी अब कुछ बदले बदले दिख रहे हैं.
.FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 04:01 IST
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