RLD और बीजेपी के मिलने से जाटलैंड में सपा और I.N.D.I गठबंधन को कितना नुकसान? समझें पूरा गणित

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RLD और बीजेपी के मिलने से जाटलैंड में सपा और I.N.D.I गठबंधन को कितना नुकसान? समझें पूरा गणित



हाइलाइट्सजयंत चौधरी की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों के बीच अब नफा नुकसान का आंकलनइसका सीधा नुकसान बसपा और इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी को हो सकता हैलखनऊ. रालोद मुखिया जयंत चौधरी की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों के बीच अब नफा नुकसान का आंकलन भी शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि बीजेपी और रालोद के एक साथ चुनाव लड़ने पर इसका सीधा नुकसान बसपा और इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी को हो सकता है. दरअसल, पिछले चुनाव में सपा, बसपा और रालोद एक साथ चुनाव मैदान में उतरी थी. इस गठबंधन से रालोद को तो कोई फायदा नहीं हुआ, लेकिन बीजेपी को कुछ नुकसान हुआ था. इसके इतर 2014 के लोकसभा चुनाव में खाता न खोल पायी बसपा को 10 सीटें मिली. हालांकि संभल, मुरादाबाद और रामपुर की सीट जीतकर सपा ने 2014 के 5 सीटों के आंकड़े तक पहुंची.

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी की जगह बीजेपी के साथ चुनाव लड़ते हैं तो पश्चिम यूपी में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है. इसके पीछे की वजह यह है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में रालोद ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उसके खाते में पांच सीटें गई थी. हालांकि 2014 में यह गठबंधन टूट गया और तत्कालीन रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए के साथ मैदान में उतरे. नतीजा यह रहा कि रालोद का खाता भी नहीं खुला, बीजेपी ने पश्चिम यूपी में क्लीन स्वीप किया. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद सपा बसपा के गठबंधन के साथ चुनाव में उतरी. इस बार भी रालोद का खाता नहीं खुला. यानी पिछले दो चुनाव में रालोद एक भी सीट नहीं जीत सकी है. ऐसे में जानकार मानते हैं कि रालोद और बीजेपी साथ मिलकर लड़ते हैं तो दोनों को फायदा होगा, जबकि इसका नुकसान इंडी गठबंधन और बसपा को हो सकता है.

रालोद से गठबंधन बीजेपी के मिशन 80 को पूरा करेगा!पिछले चुनावों में रालोद को सपा-बसपा से गठबंधनका कोई फायदा तो नहीं मिला, लेकिन बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान हुआ. बीजेपी को मुरादाबाद, संभल, नगीना, सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा ज़ातोंपर हार मिली थी. अगर रालोद और बीजेपी का गठबंधन होता है तो उसके मिशन 80 के लक्ष्य को साधने में भी मदद मिलेगी. यही वजह है कि बीजेपी के NDA के सहयोगी दल भी जयंत चौधरी का अवगत कर रहे हैं. बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि अगर जयंत NDA में आते हैं तो यह सही फैसला है, क्योंकि आगमी 40-50 सालों तक बीजेपी ही भविष्य है. उधर अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भी कहा कि अगर जयंत आते हैं तो उनका NDA में स्वागत है. उनके आने से NDA मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद सदन में कहा है कि इस बार NDA 400 के पार जाएगा.
.Tags: Jayant Chaudhary, Loksabha Election 2024, UP latest newsFIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 09:07 IST



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