आशीष त्यागी/ बागपत. ‘जय जवान-जय किसान’ की झलक एक साथ देखनी हो तो बागपत चले आइए. भारतीय सेना के अधिकांश फौजी रिटायर होने के बाद किसी शहर में घर बनाकर आराम से बची हुई जिन्दगी जीते हैं. लेकिन आज हम एक ऐसे फौजी के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद आराम करने के बजाए गांव में आकर खेती शुरू कर दी. अब वे खेती से साल में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.बागपत का एक रिटायर फौजी इन दिनों नींबू की खेती कर लाखों की आमद कर रहा है. रिटायर फौजी ने दो वर्ष पूर्व लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नींबू की खेती करना शुरू किया. शामली से नींबू के पौधे लाकर दो बीघा जमीन पर उगाने शुरू किये और आज के समय में किसान दो बीघा जमीन पर नींबू की फसल उगाकर 2 लाख रुपये का सालाना मुनाफा कमा रहा है. रिटायर फौजी की इस खेती को अन्य लोग देखने आते हैं.नींबू ने इस किसान की बदली किस्मतबागपत के गौरीपुर गांव के रहने वाले तेजपाल सिंह चौहान एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद अपने गांव पहुंचे और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा कुछ काम करने का मन में विचार आया. इसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से नींबू की खेती करना शुरू किया. शामली से नींबू के पौधे लाकर अपनी दो बीघा जमीन में उनकी रोपाई कर दी. आज के समय में किसान की दो बीघा जमीन पर नींबू के पौधे तैयार हैं और हर वर्ष रिटायर फौजी को 2 लाख से अधिक का मुनाफा दे रहे हैं.लाखों की हो रही है कमाईरिटायर फौजी द्वारा उगाए गए नींबू की मार्केट में अच्छी खासी डिमांड है और ₹40 से लेकर 60 रुपये किलो तक नींबू आसानी से मार्केट में बिक जाता है. जिससे रिटायर फौजी को मुनाफा मिल जाता है. कुंभकाट नस्ल के इस नींबू का अचार अत्यधिक स्वादिष्ट होता है. जिससे इस नींबू की मार्केट में और अधिक डिमांड बढ़ जाती है.कैसे होती है नींबू की खेतीरिटायर फौजी तेजपाल सिंह ने बताया कि नींबू के पौधे को 12 ×12 फिट की दूरी पर लगाया गया है. नींबू का पौधा 18 महीने बाद फल देना शुरू कर देता है और इस नस्ल का पौधा लगातार पूरे साल तक फल देता है. इस फसल में आवारा पशुओं का भी कोई नुकसान नहीं होता और किट भी इस पर कोई नुकसान नहीं पहुंचते, जिससे यह अधिक मुनाफे की खेती मानी जाती है..FIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 16:59 IST
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