Ricky Ponting statement: भारतीय टीम 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने उतरेगी. स्टार बल्लेबाज विराट कोहली की फॉर्म भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनका बल्ला न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में नहीं चला. आगामी सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने विराट का सपोर्ट करते हुए कहा है कि वह ऑस्ट्रलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दमदार वापसी कर सकते हैं. इस दिग्गज का मानना है कि विराट का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड बेहतरीन है.
इस दिग्गज ने जमकर की तारीफ
आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर रिकी पोंटिंग का मानना है कि भारत के चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली का आकलन मौजूदा फॉर्म के आधार पर नहीं होना चाहिये, क्योंकि वह पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में दमदार वापसी कर सकते हैं. भारत और आस्ट्रेलिया के बीच यह सीरीज 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होगी. भारतीय टीम को हाल ही में न्यूजीलैंड ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से हराया. कोहली 6 पारियों में 93 रन ही बना सके. आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान पोंटिंग ने आईसीसी से कहा, ‘मैं विराट के बारे में पहले भी बोल चुका हूं. आप महान खिलाड़ियों पर ऊंगली नहीं उठा सकते. इसमें कोई शक नहीं कि वह महान क्रिकेटर है.’
‘आस्ट्रेलिया में उसका रिकॉर्ड बेहतरीन’
पोंटिंग ने आगे कहा, ‘उसे आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है. आस्ट्रेलिया में उसका रिकॉर्ड भी बेहतरीन है. वह इस सीरीज में सब कुछ बदल सकता है. अगर विराट पहले ही मैच से रन बनाने लगे तो मुझे हैरानी नहीं होगी.’ विराट ने इस साल की शुरूआत से छह टेस्ट में 22.72 की औसत से रन बनाये हैं, जो 2011 में डेब्यू के बाद से उनका न्यूनतम औसत है. वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी दस साल में पहली बार टॉप-20 से बाहर हो गए हैं.
‘5 साल में दो शतक सही नहीं’
पोंटिंग ने कहा, ‘मैंने विराट के बारे में एक आंकड़ा पढा. इसमें कहा गया कि पिछले पांच साल में उसने सिर्फ दो (तीन) टेस्ट शतक लगाये. यह सही नहीं लगता, लेकिन अगर है तो चिंता की बात है. दुनिया में टॉप लेवल का कोई इंटरनेशनल क्रिकेटर ऐसा नहीं होगा, जिसने पांच साल में दो ही टेस्ट शतक लगाये हों.’
भारतीय बल्लेबाजों पर दिया बयान
न्यूजीलैंड से मिली हार के बारे में उन्होंने कहा कि स्पिनरों को खेलने में भारतीय बल्लेबाज कमजोर साबित हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि अब भारत के आधुनिक बल्लेबाज स्पिन को उस तरह से नहीं खेल पा रहे जैसे भारतीय बल्लेबाज खेला करते थे. शायद अब भारत की पिचें तेज गेंदबाजों की मददगार अधिक हैं.’