वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, 2021 में दुनिया भर में हार्ट डिजीज के कारण लगभग 20.5 मिलियन मौतें हुई हैं. जिसके बाद दिल की बीमारी तीसरी सबसे बड़े मौत के कारणों में शामिल हो गयी है. अब तक हार्ट को बीमारी के चपेट में लाने वाले कारणों में जेंडर, फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, अनहेल्दी लाइफस्टाइल जिम्मेदारी थी. लेकिन हाल ही में एक ऐसे विटामिन का पता चला है जिसका हाई लेवल हार्ट डिजीज के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा देता है.
नेचरल मेडिसिन में प्रकाशित क्लीवलैंड क्लिनिक लर्नर रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन के साथ हार्ट डिजीज के लिए संभावित रूप से परिवर्तनीय जोखिम कारकों का पता लगाया है. इसमें शरीर में नियासिन विटामिन बी3 का हाई लेवल दिल को बीमारियों की चपेट में लाने के लिए जिम्मेदार पाया गया है.स्टडी में ऐसे हुआ खुलासा
स्टडी के लिए, 1,100 से अधिक लोगों को ऑब्जर्व किया गया. जिसमें वैज्ञानिकों ने दो अणुओं, 2पीवाई और 4पीवाई की पहचान की. ये दोनों तब उत्पन्न होते हैं जब शरीर अतिरिक्त नियासिन को तोड़ता है. शोधकर्ताओं ने दो अन्य समूहों, एक अमेरिकी और एक यूरोपीय, में 2पीवाई और 4पीवाई के स्तरों की जांच की, जिसमें कुल 3,000 से अधिक लोग शामिल थे. उन्होंने पुष्टि की कि 2PY या 4PY स्तर वाले लोगों में अगले तीन वर्षों में कार्डियक डिजीज होने का खतरा 1.6-2 गुना ज्यादा था.
विटामिन बी 3 और दिल का पुराना रिश्ता है
नियासिन सप्लीमेंटेशन का उपयोग हाइपरलिपिडेमिया के इलाज के लिए किया जाता है, क्योंकि यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. यहां तक की हाई डोज नियासिन (1,500-2,000 मिलीग्राम/दिन) भी कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली पहली दवाओं में से एक थी.
कैसे पहचानें विटामिन बी 3 टॉक्सिसिटी
हार्वर्ड के अनुसार, बॉडी में विटामिन बी 3 की मात्रा ज्यादा होने पर चक्कर, लो ब्लड शुगर, थकान, सिरदर्द, पेट खराब, मतली, धुंधला नजर आना, लिवर में सूजन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.
क्या खाने से बढ़ता है बी 3 का लेवल विटामिन बी 3 का लेवल कभी भी इसके नेचुरल सोर्स के कारण नहीं बढ़ता है. लेकिन यदि आप इसका सप्लीमेंट खाते हैं तो बॉडी में मात्रा जरूरत से ज्यादा हो सकती है.