Researchers find new way deep brain stimulation to target sources of 4 major brain diseases | दिमाग पर विज्ञान का चमत्कार! डीप ब्रेन स्टिमुलेशन से दिमागी बीमारियों पर लग सकता है लगाम

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Researchers find new way deep brain stimulation to target sources of 4 major brain diseases | दिमाग पर विज्ञान का चमत्कार! डीप ब्रेन स्टिमुलेशन से दिमागी बीमारियों पर लग सकता है लगाम



क्या आप कभी सोचते हैं कि हमारे दिमाग में चल क्या रहा है, खासकर तब, जब वह बीमारी की चपेट में आ जाता है? एक लेटेस्ट रिसर्च में शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जो मानो दिमाग की खिड़की खोल देती है. आइए जानते हैं कैसे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन की मदद से वैज्ञानिक पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर और टौरेट सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारियों के सोर्स को टारगेट करने का एक नया तरीका खोजा है.
नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने दिमाग की चार प्रमुख बीमारियां- पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर और टौरेट सिंड्रोम को खोजने के लिए एक नया तरीका डीप ब्रेन स्टिमुलेशन ढूंढा है. इस शोध के लिए कुल 261 मरीजों का अध्ययन किया गया, जिनमें से 70 को डिस्टोनिया, 127 को पार्किंसंस रोग, 50 को ओसीडी और 14 को टौरेट सिंड्रोम था.शोधकर्ताओं ने इन दिमागी बीमारी में खराब हो चुके ब्रेन सर्किट को खोजने के लिए मरीजों के दिमाग में इलेक्ट्रोड लगाए. अध्ययन के सह-लेखक, ब्रिघम और विमेन्स अस्पताल में न्यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एंड्रियास हॉर्न ने, “सरल शब्दों में कहें तो, जब दिमाग का सर्किट खराब हा जाता है, तो वे उन विशेष दिमागी कामों रुकावट आनी शुरू हो जाती है, जिन्हें सामान्य रूप से सर्किट करता है.
इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन की भूमिकायह पाया गया है कि दिमाग के अग्र भाग में स्थित फ्रंटल कॉर्टेक्स और बेसल गैंग्लिया (मस्तिष्क के काफी अंदर स्थित संरचनाएं) के बीच कनेक्शन कोगिनेटिव और मोटर कामों को कंट्रोल करते हैं. यदि दिमाग संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ये सर्किट प्रभावित हो सकते हैं और उनका संचार ज्यादा एक्टिव या खराब हो सकता है. शोधकर्ताओं ने बताया है कि पिछले अध्ययनों से पता चला है कि सबथैलेमिक न्यूक्लियस को इलेक्ट्रिकली स्टिमुलेशन करने से (जो बेसल गैंग्लिया में एक छोटा पार्ट है जो पूरे फ्रंटल कॉर्टेक्स से इनपुट प्राप्त करता है) इन बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है.
बीमारियों के बारे में जानेंपार्किंसंस रोग: दिमाग में डोपामाइन पैदा करने वाले न्यूरॉन्स की कमी, जिसके कारण कंपन, जकड़न और मेमोरी/ध्यान में कमी जैसी समस्याएं होती हैं.डिस्टोनिया: मांसपेशियों में लगातार सिकुड़न, जिसके कारण बार-बार या मुड़ने वाले मूवमेंट होते हैं.ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी): घुसपैठ के विचार और कंपल्सिव व्यवहार (ऐसे काम जो बार-बार और लगातार किया जाता है), जो दिमाग के सर्किट्र में खराबी से जुड़े होते हैं.टौरेट सिंड्रोम: यह एक नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या है. यह अनियंत्रित एक्टिविटी और स्वर ध्वनियों का कारण बनता है. इन एक्टिविटी और ध्वनियों को टिक्स कहा जाता है.



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